केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने खूंटी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया

केंद्रीय मंत्री एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को राज्य के खूंटी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की विधायक जोबा मांझी ने भी सिंहभूम (अनुसचित जनजाति) लोकसभा सीट के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।

मुंडा ने जब खूंटी जिला कलेक्ट्रेट में निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया तो उस समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो और अन्य वरिष्ठ नेता उनके साथ थे।

नामांकन दाखिल करने से पहले मुंडा ने खूंटी में एक मंदिर में पूजा-अर्चना की।

मुंडा ने कहा, “मैंने सभी के कल्याण और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के लोगों की लगातार सेवा करने के लिए प्रार्थना की।”

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंडा ने कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को हराकर 1,445 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी। वह एक बार फिर खूंटी से चुनाव लड़ रहे हैं।

खूंटी लोकसभा क्षेत्र में सिंहभूम, लोहरदगा और पलामू के साथ 13 मई को मतदान होगा।

झामुमो नेता जोबा मांझी ने जब पश्चिमी सिंहभूम जिला कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन दाखिल किया तो उनके साथ मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन थीं।

मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक मांझी का मुकाबला 26 फरवरी को कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं गीता कोड़ा से होगा।

सोमवार को नामांकन दाखिल करने वाली कोड़ा निवर्तमान लोकसभा में झारखंड से एकमात्र कांग्रेस सांसद थीं।

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बता दें कि विजेंदर सिंह ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। कई दिनों से कयास लग रहे थे कि कांग्रेस उन्हें इस बार मथुरा सीट से मैदान में उतार सकती है जहां से भाजपा की मौजूदा सांसद हेमा मालिनी तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं।

किसान आंदोलन: कुछ मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत की जरूरत- अर्जुन मुंडा, केंद्रीय कृषि मंत्री

अर्जुन मुंडा ने किसानों के दिल्ली कूच को लेकर आगे बात करते हुए कहा कि “मैं कहना चाहूंगा कि किसानों के साथ कई दौर की बातचीत हुई। कुछ मुद्दों की सहमति के लिए दोनों पक्षों को और मेहनत करनी होगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार किसानों के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह ऐसा ही कर रही है।”

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न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी सीमाओं पर डटे हुए हैं।

केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक रही बेनतीजा, रविवार को होगी अगली बैठक

केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच तीसरे दौर की बैठक रात लगभग एक बजे तक चली। इस बैठक में किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अड़े रहे साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार और पुलिस की ओर से किए गए बल प्रयोग पर कड़ी आपत्ति जताई।

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इस बैठक में बातचीत करने के लिए सरकार की ओर से कृषि व किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे।

किसानों की कई मांगें मान ली हैं, कुछ मुद्दों पर समझौता नहीं हो पाया- कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा

केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों से विनम्र निवेदन करते हुए कहा कि ‘असामान्य स्थिति पैदा कर के किसी का समाधान नहीं हो सकता साथ ही उन्होंने कहा कि ‘सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए बाध्य है, जनता को परेशानी में नहीं डालना चाहिए किसानों को यह बातें समझनी चाहिए’।