इन याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक, नियमों पर रोक लगाने की मांग की गई है।
इन याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक, नियमों पर रोक लगाने की मांग की गई है।
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए मतदान हुआ था जिसमें कांग्रेस के कुछ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। जिसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने मामले में संज्ञान लेते हुए कांग्रेस के छह विधायकों की सदस्यता को रद्द कर दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम में कथित गड़बड़ी का दावा करने वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को याचिका खारिज करते हुए कहा कि हर प्रक्रिया के अपने फायदे और अपने नुकसान होते हैं। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि ‘अदालत पहले भी ईवीएम के काम से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर चुकी है और कितनी याचिकाओं पर और सुनवाई करनी पड़ेगी?
चुनाव निकाय द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, चुनावी बॉण्ड के खरीदारों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, और सन फार्मा शामिल हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की मोहलत की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले में सुनवाई की. इस संविधान पीठ में सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी. आर. गवई, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे।
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने 10 जनवरी को इस मामले पर दायर याचिका को खारिज कर दिया था जिसके बाद शिवसेना-उद्धव ठाकरे (यूबीटी) ने इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी
बता दें कि आम आदमी पार्टी की ओर से मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दोनों टावरों को तुरंत चालू करने का निर्देश भी दिया है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली को साल-दर-साल ऐसे ही नहीं चलाया जा सकता।
बता दें कि इससे पहले, 17 अक्तूबर को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भाटी की पीठ ने सीबीआई और ईडी की ओर से पेश उनके वकील अभिषेक सिंघवी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को सुनने के बाद सिसोदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था।
गौरतलब हो कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित तौर पर आबकारी नीति ‘घोटाले’ में कथित भूमिका को लेकर मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और वह तभी से हिरासत में हैं।