उत्तराखंड : आदि कैलाश, ओम पर्वत के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटक स्थलों आदि कैलाश तथा ओमपर्वत के लिए सोमवार को हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गयी ।

अधिकारियों ने यहां बताया कि इस हेलीकॉप्टर सेवा की शुरूआत पिथौरागढ़ के संयुक्त मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा ने नैनी सैंणी हवाई अडडे से की ।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार की हेली दर्शन योजना के तहत एमआई—17 हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को हवाई अडडे से व्यास घाटी क्षेत्र में आदि कैलाश और ओम पर्वत तक ले जाएगा और चोटियों के उपर कुछ देर चक्कर लगाने के बाद वापस हवाई अड्डे पहुंचाएगा।

पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्तिचंद्र आर्य ने बताया कि स्काई वन एयरवेज द्वारा संचालित दो घंटे के इस दौरे की लागत प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपये होगी और इस पर जीएसटी अलग से देय होगा ।

उन्होंने बताया कि आदि कैलाश और ओम पर्वत की इस उद्घाटन उड़ान में 16 श्रद्धालुओं ने यात्रा की ।

फिलहाल इस योजना को प्रयोग के तौर पर चलाया जा रहा है । आर्य ने कहा, ‘‘ अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो अगले माह से यह उड़ान श्रद्धालुओं को सप्ताह में पांच दिन उपलब्ध रहेगी ।’’

मिश्रा ने बताया कि यह योजना राज्य के लिए एक उपलब्धि है और इससे आदि कैलाश क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी ।

उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदि कैलाश का दर्शन किए जाने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं में इन धार्मिक पर्यटन स्थलों की लोकप्रियता में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है ।

होली पर शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में 800 से अधिक चालान काटे गए : दिल्ली पुलिस

दिल्ली की यातायात पुलिस ने सोमवार को होली के दिन शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटनाओं के सिलसिले में 800 से अधिक चालान काटे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस बार काटे गए चालान की संख्या पिछले साल से 47.4 प्रतिशत अधिक है।

वर्ष 2023 में होली के दिन शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटनाओं के सिलसिले में 559 चालान काटे गए थे।

आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में इस बार होली के दिन 11 दुर्घटनाएं हुईं जबकि 2023 में यह संख्या 24 थी।

पुलिस ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यातायात नियमों के उल्लंघनों, विशेष रूप से नशे में और हेलमेट के बिना गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ सक्रिय रूप से कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि यातायात पुलिस ने प्रमुख जंक्शन और मुख्य मार्गों पर कड़ी जांच के लिए ‘ब्रेथ एनालाइजर’ से लैस अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया था।

पुलिस ने कहा, ‘‘आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि नशे में गाड़ी चलाने की घटनाओं के सिलसिले में कुल 824 व्यक्तियों का चालान किया गया है, और होली के दिन बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने या सवारी करने के लिए उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 1,524 चालान जारी किए गए हैं।’’

इसके अलावा, यातायात संबंधी अन्य नियमों का उल्लंघन करने वाले 1,241 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए।

सिंगापुर में इजराइली दूतावास को आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट हटाना पड़ा

इजराइली दूतावास ने यहां सिंगापुर सरकार के हस्तक्षेप के बाद उस आपत्तिजनक पोस्ट को फेसबुक से हटा दिया है, जिसमें ‘कुरान’ का उल्लेख करते हुए एक राजनीतिक पक्ष रखने की कोशिश की गई थी।

फेसबुक पेज पर रविवार को यह पोस्ट डाली गई थी।

कानून एवं गृह मंत्री के. शानमुगम ने इसे ‘‘इतिहास फिर से लिखने की आश्चर्यजनक कोशिश’’ बताया और कहा कि यह पोस्ट ‘असंवेदनशील, अनुचित और पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि यह सिंगापुर में सुरक्षा एवं सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा सकती है।

‘टुडे’ समाचारपत्र ने मंत्री को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने कल (रविवार को) विदेश मंत्रालय के साथ बात की और कहा कि दूतावास को तुरंत पोस्ट हटानी होगी, और उसने इसे हटा दिया।’’

इससे पहले, सोमवार को विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने कहा, ‘‘राजनीतिक पक्ष रखने के लिए धार्मिक ग्रंथ का संदर्भ देना अत्यधिक अनुचित है। हमने दूतावास से यह स्पष्ट कर दिया, जिसने पोस्ट हटा दिया है।‘‘

सिंगापुर स्थित इजराइली दूतावास के फेसबुक पेज पर इस पोस्ट में कहा गया था, ‘‘कुरान में इजराइल का 43 बार उल्लेख किया गया है। वहीं, दूसरी ओर फलस्तीन का एक बार भी उल्लेख नहीं है।’’

पोस्ट में कहा गया था कि मानचित्र, दस्तावेज और सिक्कों जैसे पुरातात्विक साक्ष्य से प्रदर्शित होता है कि यहूदी लोग इजराइल के मूल निवासी हैं।

शानमुगम ने कहा, ‘‘यह पोस्ट इतिहास फिर से लिखने की एक आश्चर्यजनक कोशिश है। पोस्ट लिखने वाले को संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों पर गौर करना चाहिए, इतिहास का पुनर्लेखन करने से पहले देखना चाहिए कि पिछले कुछ दशकों में इजराइल की कार्रवाई क्या अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप रही है।’’

वहीं, समाज एवं परिवार विकास मंत्री और मुस्लिम मामलों के प्रभारी मंत्री मासगोस जुल्कीफली ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वह भी उक्त पोस्ट से काफी आहत हुए।

वायुसेना के सी-17 विमान ने अरब सागर में सटीकता से उतारे साजो-सामान, अपहृत जहाज छुड़ाने में दी मदद

भारतीय वायु सेना के एक सी-17 सामरिक परिवहन विमान ने सोमालियाई समुद्री डाकुओं से अपहृत मालवाहक जहाज को छुड़ाने में नौसेना की अहम सहायता की। विमान ने अरब सागर में समुद्री कमांडो के साथ दो लड़ाकू नौकाओं को भी सटीक स्थान पर पहुंचाया।

वायुसेना ने बताया कि ‘कॉम्बैट रबराइज्ड रेडिंग क्राफ्ट’ (सीआरआरसी) नौकाओं और मार्कोस कमांडो को हवाई मार्ग से पहुंचाकर दोनों बलों ने ‘समन्वय’ का ‘उल्लेखनीय प्रदर्शन’ किया।

नौसेना ने शनिवार को एक सुव्यवस्थित अभियान में भारतीय तट से लगभग 2,600 किलोमीटर दूर एक व्यापारिक जहाज को अपने कब्जे में लेकर उसे बंधक बनाने वाले 35 समुद्री लुटेरों को पकड़ लिया और जहाज पर बंधक बनाए गए चालक दल के सभी 17 सदस्यों को मुक्त करा लिया।

नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया। अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया।

नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन जहाज का सोमालियाई जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था।

वायुसेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया, ‘‘एकजुटता और समन्वय के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में, वायुसेना के सी-17 विमान ने जलदस्यु के खिलाफ चल रहे अभियान ‘संकल्प’ के समर्थन में भारतीय नौसेना के मार्कोस के साथ दो सीआरसीसी नौकाओं को अरब सागर में सटीक स्थान पर उतारा।’’

वायुसेना ने बताया, ‘‘भारतीय तट से 2600 किलोमीटर दूर एक क्षेत्र में लगभग 10 घंटे तक उड़ान भरते हुए, विशाल मालवाहक जहाज एमवी रुएन के चालक दल को बचाने के लिए ऑपरेशन चलाया गया।’’

एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है। इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा।

यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ़ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं।

सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी; न्यूनतम निवेश 50 करोड़ डॉलर तय

सरकार ने भारत को विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को मंजूरी दे दी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि इस नीति के तहत भारत को ईवी के विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने और प्रतिष्ठित वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने का प्रयास किया गया है।

नीति के तहत किसी कंपनी को न्यूनतम 50 करोड़ डॉलर (4,150 करोड़ रुपये) का निवेश करना जरूरी होगा। यह विभिन्न शुल्क रियायतों की भी हकदार होगी।

मंत्रालय ने कहा, “यह भारतीय उपभोक्ताओं को नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करेगा, ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में उत्पादन करो) पहल को बढ़ावा देगा, ईवी कंपनियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर ईवी परिवेश को मजबूत करेगा, जिससे उत्पादन की उच्च मात्रा, पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं, उत्पादन की कम लागत और आयात में कमी आएगी, कच्चे तेल की आयात कम होगी, व्यापार घाटा कम होगा, विशेषकर शहरों में वायु प्रदूषण कम होगा और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न आवंटन संबंधी नीति की पड़ताल करेगी शीर्ष अदालत

उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, ‘नाम तमिलर काची’ की उस याचिका पर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा, जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न के आवंटन को चुनौती दी गई है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एक अन्य गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को भी नोटिस जारी किया, जिसे वह चुनाव चिह्न दिया गया था, जो पहले ‘नाम तमिलर काची’ (एनटीके) के पास था।

उच्च न्यायालय ने गत एक मार्च को एनटीके की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निर्वाचन आयोग द्वारा ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न का आवंटन किए जाने को चुनौती दी गई थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता ‘नाम तमिलर काची’ की इस दलील को खारिज कर दिया कि इस आशय से संबंधित चुनाव चिह्न आदेश मनमाना और असंवैधानिक था।

याचिकाकर्ता आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक अन्य राजनीतिक दल को ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न ‘गन्ना किसान’ के आवंटन से व्यथित था।

याचिका पर नोटिस जारी करते हुए सीजेआई ने कहा कि अपील पर होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई की जाएगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह चुनाव चिह्न आदेश के पैराग्राफ 10बी (बी) की योजना की पड़ताल करेगी जो ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दलों और उम्मीदवारों को ‘मुक्त’ चिह्न देने से संबंधित है।

इस सरकार की यह अंतिम मंत्रिमंडल बैठक नहीं थी: अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद कैबिनेट बैठकें नहीं करने की परंपरा नहीं है।

बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक मौजूदा सरकार की आखिरी बैठक थी या नहीं, इस सवाल पर ठाकुर ने कहा, “आदर्श आचार संहिता से कैबिनेट बैठकें नहीं रुकतीं। सरकार निरंतर काम करती है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की घोषणा किए जाने के बाद कैबिनेट बैठक नहीं करने की कोई परंपरा नहीं है।

मंत्री ने कहा, “सार्वजनिक महत्व के निर्णय लेने होते हैं। जब तक नयी सरकार नहीं बनती, वर्तमान सरकार रहती है।”

संविधान के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद राष्ट्रपति से निवर्तमान लोकसभा भंग करने की सिफारिश करता है।

निर्वाचन आयोग आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।