EVM को लेकर दाखिल याचिकाओं को करीब 40 बार अदालतों ने खारिज किया है : निर्वाचन अधिकारी

मतपत्र से मतदान की प्रक्रिया की वापसी का अनुरोध करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय से खारिज होने के बाद निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने रेखांकित किया कि कम से कम 40 मौकों पर संवैधानिक अदालतों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज की हैं।

पदाधिकारियों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार की उस टिप्पणी को भी रेखांकित किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ईवीएम ‘शत प्रतिशत सुरक्षित हैं’ और राजनीतिक दल भी ‘दिल की गहराई से जानते हैं’ की मशीन सही है।

शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ ईवीएम का उपयोग करके डाले गए मतों के 100 प्रतिशत सत्यापन का अनुरोध करने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि प्रणाली के किसी भी पहलू पर ‘आंख बंद करके अविश्वास’ करना बेवजह संदेह पैदा कर सकता है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले में सहमति वाले दो फैसले सुनाये और इस मामले से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दीं जिनमें दोबारा मतपत्रों से चुनाव कराने की प्रकिया पुन: अपनाने का अनुरोध करने वाली याचिका भी शामिल है।

पीठ ने अपने फैसले में कहा कि ‘‘लोकतंत्र का अर्थ सद्भाव और सभी संस्थाओं में भरोसा बनाए रखने का प्रयास करना है।’’

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के लिए 16 मार्च को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘करीब 40 बार संवैधानिक अदालतों (उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय) ने ईवीएम को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज की हैं।’’

उन्होंने चुनाव आयोग के एक प्रकाशन का हवाला देते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि कितने मौकों पर सत्तारूढ़ दल उन चुनावों में हार गए हैं जहां ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था।

कुमार ने कहा था, ‘‘राजनीतिक दल ईवीएम के कारण अस्तित्व में आए हैं। कई छोटे दल हैं, जो मतपत्र के युग में अस्तित्व में नहीं आए होंगे।’’उन्होंने कहा कि ईवीएम निष्पक्ष हैं और राजनीतिक दल इसे ‘‘अपने दिल की गहराई’’से स्वीकार करते हैं।

कुमार ने ‘ईवीएम को शत प्रतिशत सुरक्षित और शत प्रतिशत निश्चित बताया ।’’

न्यायालय ने दो निर्देश जारी किये।

न्यायमूर्ति खन्ना ने अपने फैसले में निर्वाचन आयोग को मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में चिह्न लोड करने वाली स्टोर यूनिट्स को 45 दिनों के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित करने के निर्देश दिए।

शीर्ष अदालत ने ईवीएम निर्माताओं के इंजीनियरों को यह अनुमति दी कि वे परिणाम घोषित होने के बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों के अनुरोध पर मशीन के ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को सत्यापित कर सकते हैं।

निर्वाचन आयोग ने कम मतदान वाली 266 संसदीय सीटों की पहचान की

New Delhi: Chief Election Commissioner Rajiv Kumar with Election Commissioner Gyanesh Kumar during a conference on the issue of 'Low Voter Turnout' ahead of Lok Sabha elections, in New Delhi, Friday, April 5, 2024. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI04_05_2024_000042B)

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि उसने कम मतदान वाले कुल 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की है और वह लोकसभा चुनावों में इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए योजना बना रहा है।

इन 266 संसदीय क्षेत्रों में से 215 ग्रामीण इलाकों में हैं।

प्रमुख शहरों के नगर निगम आयुक्तों और बिहार और उत्तर प्रदेश के चुनिंदा जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) ने चिह्नित शहरी और ग्रामीण लोकसभा सीटों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने पर यहां चर्चा की।

निर्वाचन आयोग ने कम मतदान को लेकर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि कम मतदान वाले 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें से 215 ग्रामीण और 51 शहरी क्षेत्र हैं।

बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और झारखंड सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि ‘एक जैसा रुख सभी के लिए उपयुक्त है’ वाला दृष्टिकोण इस मामले में काम नहीं आएगा। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और खंडों के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर काम करने की वकालत की।

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा। मतों की गिनती चार जून को होगी।

नोएडा में तेज़ रफ्तार कार की चपेट में आने से दो वर्षीय बच्चे की मौत

उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्धनगर जिले में एक तेज़ रफ्तार कार ने एक महिला और उसके दो वर्षीय बच्चे को टक्कर मार दी। घटना में बच्चे की मौत हो गई।

थाना बिसरख के प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने सोमवार को बताया कि रविवार रात शाहबाज महबूब अपनी पत्नी और बेटे के साथ सड़क पर पैदल जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार कार ने उनकी पत्नी और दो साल के बेटे को टक्कर मार दी।

उन्होंने बताया कि इस घटना में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां दो साल के बच्चे की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

वहीं, एक अन्य घटना में, थाना सेक्टर 49 क्षेत्र के होशियापुर गांव में खेलते समय टेम्पो पर गिरने की वजह से सिर में गंभीर चोट लगने से आठ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई।

थाना सेक्टर 49 के प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार सैनी ने बताया कि होशियापुर गांव में रहने वाला जीत दो दिन पहले अपने घर की छत पर खेल रहा था, तभी वह पास खड़े टेम्पो के ऊपर जा गिरा।

उन्होंने बताया कि इस घटना में उसके सिर में गंभीर चोट आई थी।

सैनी ने बताया कि बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान रविवार रात को उसकी मौत हो गई।

उत्तराखंड : आदि कैलाश, ओम पर्वत के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटक स्थलों आदि कैलाश तथा ओमपर्वत के लिए सोमवार को हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गयी ।

अधिकारियों ने यहां बताया कि इस हेलीकॉप्टर सेवा की शुरूआत पिथौरागढ़ के संयुक्त मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा ने नैनी सैंणी हवाई अडडे से की ।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार की हेली दर्शन योजना के तहत एमआई—17 हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को हवाई अडडे से व्यास घाटी क्षेत्र में आदि कैलाश और ओम पर्वत तक ले जाएगा और चोटियों के उपर कुछ देर चक्कर लगाने के बाद वापस हवाई अड्डे पहुंचाएगा।

पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्तिचंद्र आर्य ने बताया कि स्काई वन एयरवेज द्वारा संचालित दो घंटे के इस दौरे की लागत प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपये होगी और इस पर जीएसटी अलग से देय होगा ।

उन्होंने बताया कि आदि कैलाश और ओम पर्वत की इस उद्घाटन उड़ान में 16 श्रद्धालुओं ने यात्रा की ।

फिलहाल इस योजना को प्रयोग के तौर पर चलाया जा रहा है । आर्य ने कहा, ‘‘ अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो अगले माह से यह उड़ान श्रद्धालुओं को सप्ताह में पांच दिन उपलब्ध रहेगी ।’’

मिश्रा ने बताया कि यह योजना राज्य के लिए एक उपलब्धि है और इससे आदि कैलाश क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी ।

उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदि कैलाश का दर्शन किए जाने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं में इन धार्मिक पर्यटन स्थलों की लोकप्रियता में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है ।

केजरीवाल के समर्थन में आए आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण

आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ पूर्व नेताओं ने ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का शुक्रवार को विरोध करते हुए इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया।

केजरीवाल से मतभेदों के कारण पार्टी छोड़ने वाले इन नेताओं ने यह दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले ‘बिना सबूत के’ एक मौजूदा मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी ‘लोकतंत्र की हत्या’ के समान है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया था।

हालांकि, भाजपा की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए ‘खुशी का दिन’ बताया। वह आप सरकार में पर्यटन मंत्री रह चुके हैं।

राजनीतिक कार्यकर्ता और ‘स्वराज इंडिया’ के संस्थापक योगेन्द्र यादव, जिन्हें 2015 में आप की अनुशासनात्मक समिति द्वारा पार्टी से हटा दिया गया था, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण करार दिया है।

योगेन्द्र यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं काफी हैरान हूं। लोकतंत्र के नाम पर इस देश में क्या चल रहा है? आप नए चुनाव आयुक्त नियुक्त करके मैच से पहले रेफरी को बदल देते हैं। आप प्रतिद्वंद्वी के बैंक खाते फ्रीज कर रहे हैं। 30 साल पुराने मामलों में नोटिस दिए गए हैं। उचित जांच करें, अगर अदालत दोषी ठहराती है, तो चाहे वह प्रधानमंत्री हों या कोई और, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।’’

यादव ने कहा कि चुनाव से पहले किसी भी तरह से गिरफ्तारी करना लोकतंत्र की हत्या के समान है।

उन्होंने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल के साथ अन्याय किया गया है। मुझे यकीन है कि लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।’’

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर प्रशांत भूषण ने दावा किया कि ईडी के पास मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है।

प्रशांत भूषण ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘यह बेहद आश्चर्यजनक है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव से ठीक पहले ईडी ने एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया है। और ऐसे मामले में, जहां उनके पास यह दिखाने के लिए कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल थे, जहां वे किसी सरकारी गवाह के बयान पर भरोसा कर रहे हैं, जो एक कंपनी का अधिकारी था। वह कंपनी जिसने ईडी को नियंत्रित करने वाली भाजपा को चुनावी बॉण्ड के जरिए चंदा दिया था। ’’

कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘दिल्लीवासियों के लिए यह खुशी का दिन है। यह न्याय का दिन है। यह ‘भ्रष्ट और बेईमान’ सरकार के शासन से मुक्ति है। ’’

लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे, चार जून को आएंगे परिणाम

निर्वाचन आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों की घोषणा कर दी। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी, जो मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सके।

कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं। साल 2019 के चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 90 करोड़ थी।

उन्होंने बताया कि ऐसे मतदाताओं की संख्या 1.8 करोड़ है, जो पहली बार मतदान करेंगे और मतदाता सूची में 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख और सौ साल से अधिक उम्र के 2.18 लाख मतदाता शामिल हैं।

कुमार ने बताया कि देशभर में मतदाता लिंगानुपात 948 है और 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है।

उन्होंने कहा कि देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र होंगे और 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा।

उन्होंने कहा कि आयोग हिंसामुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

लोकसभा चुनाव की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि चुनाव अधिकारी देशभर में 10.5 लाख मतदान केंद्र स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं।

दो नये निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ”हम पूरी तरह तैयार हैं और मैं मतदाताओं से अनुरोध करता हूं कि वे स्याही (मतदान वाली) लगवाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।’’

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय चुनाव इस तरह से कराने का वादा करता है कि वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़े।

कुमार ने कहा, ”सभी राज्यों में आकलन के बाद हम एक यादगार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को लेकर आश्वस्त हैं।’’

कुमार ने कहा कि आयोग ने 17 लोकसभा, 16 राष्ट्रपति चुनाव और 400 से अधिक विधानसभा चुनाव कराए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले 11 राज्यों के चुनाव शांतिपूर्ण और हिंसामुक्त रहे और लगभग एक भी सीट पर दोबारा चुनाव नहीं हुआ।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सात चरणों में मतदान हुआ था।

उस चुनाव में कुल 91.2 करोड़ योग्य मतदाता थे, जिनमें लगभग 43.8 करोड़ महिला मतदाता और लगभग 47.3 करोड़ पुरुष मतदाता थे।

कुल लगभग 61.5 करोड़ वोट डाले गए थे और 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।

साल 2019 के चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 303, कांग्रेस ने 52, तृणमूल कांग्रेस ने 22, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पांच, माकपा ने तीन और भाकपा ने दो सीटें जीती थीं।

पीएम मोदी ने महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को अयोध्‍या में नवनिर्मित महर्षि वाल्‍मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया।