निर्वाचन आयोग ने कम मतदान वाली 266 संसदीय सीटों की पहचान की

New Delhi: Chief Election Commissioner Rajiv Kumar with Election Commissioner Gyanesh Kumar during a conference on the issue of 'Low Voter Turnout' ahead of Lok Sabha elections, in New Delhi, Friday, April 5, 2024. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI04_05_2024_000042B)

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि उसने कम मतदान वाले कुल 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की है और वह लोकसभा चुनावों में इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए योजना बना रहा है।

इन 266 संसदीय क्षेत्रों में से 215 ग्रामीण इलाकों में हैं।

प्रमुख शहरों के नगर निगम आयुक्तों और बिहार और उत्तर प्रदेश के चुनिंदा जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) ने चिह्नित शहरी और ग्रामीण लोकसभा सीटों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने पर यहां चर्चा की।

निर्वाचन आयोग ने कम मतदान को लेकर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि कम मतदान वाले 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें से 215 ग्रामीण और 51 शहरी क्षेत्र हैं।

बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और झारखंड सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि ‘एक जैसा रुख सभी के लिए उपयुक्त है’ वाला दृष्टिकोण इस मामले में काम नहीं आएगा। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और खंडों के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर काम करने की वकालत की।

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा। मतों की गिनती चार जून को होगी।

राजस्थान में करीब 68 हजार बुजुर्गों और दिव्यांगों ने घर से वोट डालने का विकल्प चुना

राजस्थान में अब तक लगभग 68 हजार बुजुर्गों और दिव्यांगों ने घर से वोट डालने (होम वोटिंग) का विकल्प चुना है। होम वोटिंग के तहत मतदान प्रक्रिया पांच अप्रैल से शुरू होगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों के लिए 51,230 वरिष्ठ नागरिक और 16,735 दिव्यांग मतदाताओं में से कुल 68,965 मतदाताओं ने अब तक घर से मतदान करने का विकल्प चुना है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य में होम वोटिंग के लिए वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग मतदाता बढ़-चढ़कर पंजीकरण करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि होम वोटिंग के प्रति विधानसभा चुनाव-2023 से भी ज्यादा उत्साह है। विधानसभा चुनाव के दौरान 61,628 पात्र मतदाताओं ने पंजीकरण कराया था।

राज्य में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 12 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा जहां होम वोटिंग के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दूसरे चरण में राज्य की 13 सीटों पर मतदान होगा जहां होम वोटिंग के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है।

गुप्ता ने बताया कि पहले चरण के मतदान वाले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अब तक कुल 36,858 पात्र मतदाताओं ने होम वोटिंग के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें 27,536 वरिष्ठ नागरिक और 9,322 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं। निर्वाचन अधिकारी होम वोटिंग का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को एक अप्रैल तक उपलब्ध करवाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके बाद होम वोटिंग के विशेष मतदान दल गठित कर उनके प्रशिक्षण की प्रक्रिया 4 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। ये विशेष दल राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की मौजूदगी में पंजीकृत मतदाताओं के घर पहुंचकर पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करवाएंगे। होम वोटिंग के लिए मतदान प्रक्रिया 5 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक चलेगी। किसी कारण से मतदाता के होम वोटिंग से वंचित रह जाने पर दूसरा चरण 15 से 16 अप्रैल के बीच होगा।

गुप्ता ने बताया कि दूसरे चरण में मतदान वाले 13 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में होम वोटिंग के लिए पंजीकरण का कार्य जारी है और दो अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता है। अब तक 31 हजार से अधिक पात्र मतदाओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें 23,694 वरिष्ठ नागरिक और 7,413 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।

इसमें निर्वाचक अधिकारी होम वोटिंग का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को आठ अप्रैल तक उपलब्ध कराएंगे। विशेष मतदान दल गठित कर उनके प्रशिक्षण की प्रक्रिया 13 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। होम वोटिंग के लिए मतदान प्रक्रिया 14 अप्रैल से शुरू होकर 21 अप्रैल तक चलेगी। किसी कारण से मतदाता के होम वोटिंग से वंचित रह जाने पर दूसरा दौर 22 से 23 अप्रैल के बीच होगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि होम वोटिंग की सुविधा विकल्प के रूप में है। लोकसभा चुनाव के लिए होम वोटिंग की सुविधा ऐसे मतदाताओं को मिलती है, जो 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों हों या 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता श्रेणी के हों।

भीषण गर्मी पड़ने के पूर्वानुमान पर निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों पर सुविधाएं मुहैया करने को कहा

निर्वाचन आयोग ने भीषण गर्मी पड़ने का भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा पूर्वानुमान व्यक्त किये जाने की पृष्ठभूमि में, लोकसभा चुनावों के दौरान मतदान केंद्रों पर पेयजल, छाया और ‘मेडिकल किट’ सहित अन्य न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराने के अपने निर्देश का सख्ती से अनुपालन करने को कहा है।

आयोग ने ‘लू’ से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा जारी दिशानिर्देश भी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ साझा किये हैं।

निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा किये जाने के दिन अपने सभी सीईओ को एक पत्र भेजा था, जिसमें उसने उन्हें मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाओं के सिलसिले में पूर्व में जारी निर्देशों को याद दिलाया था।

न्यूनतम सुविधाओं पर जून 2023 के निर्देशों के अनुसार, गर्मियों के दौरान प्रत्येक मतदान दल को अपने उपयोग के लिए ‘ओआरएस’ (निर्जलीकरण दूर करने के लिए उपयोग किया जाने वाला नमक युक्त पेय) की आपूर्ति की जाए। साथ ही, इसे ‘लू’ से पीड़ित जरूरतमंद मतदाताओं को भी उपलब्ध कराया जाए।

इन निर्देशों का नये सिरे से प्रसार किया गया है।

निर्देश में यह भी कहा गया है कि मतदाताओं से यह अपील की जा सकती है कि वे निर्जलीकरण से अपना बचाव करने के लिए मतदान केंद्र पर गीला तौलियां साथ लाएं और महिला मतदाताओं को तापमान अधिक रहने के दौरान मतदान केंद्रों पर बच्चों को साथ लाने से बचने की सलाह दी गई है।

आयोग ने आईएमडी का हवाला देते हुए कहा कि गर्मियों के दौरान सामान्य से अधिक तापमान रहने की अधिक संभावना है।

लोकसभा चुनाव सात चरणों में, 19 अपैल से एक जून तक होंगे, जिनके लिए सभी 543 निर्वाचन क्षेत्रों में करीब 11 लाख मतदान केंद्र बनाये गए हैं।

आचार संहिता का उल्लंघन, कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और लोकसभा उम्मीदवार कवासी लखमा के खिलाफ कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी की शिकायत के आधार पर सोमवार को लखमा और पार्टी के एक अन्य नेता सुशील मौर्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले और भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे लखमा को पार्टी ने बस्तर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। मौर्य कांग्रेस की बस्तर जिला इकाई के अध्यक्ष हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चुनाव अधिकारी की शिकायत के अनुसार, लखमा अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के एक दिन बाद 24 मार्च को जगदलपुर शहर में मां दंतेश्वरी मंदिर गए थे। इस दौरान मंदिर के बाहर लखमा को लोगों को कथित तौर पर नकदी बांटते हुए कैमरे में कैद किया गया था।

उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस संबंध में शिकायतों का संज्ञान लिया और शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लखमा और मौर्य के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

लखमा के खिलाफ कार्रवाई को कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश करार दिया है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ”यह भाजपा का षड़यंत्र है। भाजपा बौखला गई है। लखमा एक जन नेता हैं और बस्तर क्षेत्र में लोगों पर उनकी अच्छी खासी पकड़ है। जैसे ही उन्हें बस्तर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया, भाजपा ने साजिश रचनी शुरू कर दी और ताजा कदम (प्राथमिकी दर्ज करना) उसी साजिश का हिस्सा है। हम भाजपा के ऐसे कदमों के खिलाफ लड़ेंगे।”

केंद्र ने लोकसभा चुनाव की तारीखों को अधिसूचित करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा

आम चुनाव के संदर्भ में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने रविवार को निर्वाचन आयोग की सिफारिश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजकर सात चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव की तारीखों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

निर्वाचन आयोग की सिफारिश के मुताबिक 19 अप्रैल को 102 सीट पर पहले चरण में मतदान होगा जिसके लिए 20 मार्च को पहली अधिसूचना जारी की जाएगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही किसी विशेष चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होती है।

निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार को घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे और उसके बाद 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को चुनाव होंगे।

सूत्रों के मुताबिक, रविवार सुबह मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रपति से विभिन्न चरणों के लिए अधिसूचना जारी करने की अनुशंसा की गई।

निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों को अधिसूचित करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को अनिवार्य रूप से सिफारिश भेजता है।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 14 (2) के तहत निर्वाचन आयोग, सरकार को अपनी सिफारिश भेजता है जो राष्ट्रपति से चुनाव की तारीखों की अधिसूचना को मंजूरी देने का अनुरोध करती है।

निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर कानून मंत्रालय केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए एक प्रस्ताव तैयार करता है, जो राष्ट्रपति से विभिन्न चरणों के लिए अधिसूचना जारी करने की मंजूरी देने की अनुशंसा करता है।