राजस्थान में करीब 68 हजार बुजुर्गों और दिव्यांगों ने घर से वोट डालने का विकल्प चुना

राजस्थान में अब तक लगभग 68 हजार बुजुर्गों और दिव्यांगों ने घर से वोट डालने (होम वोटिंग) का विकल्प चुना है। होम वोटिंग के तहत मतदान प्रक्रिया पांच अप्रैल से शुरू होगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों के लिए 51,230 वरिष्ठ नागरिक और 16,735 दिव्यांग मतदाताओं में से कुल 68,965 मतदाताओं ने अब तक घर से मतदान करने का विकल्प चुना है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य में होम वोटिंग के लिए वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग मतदाता बढ़-चढ़कर पंजीकरण करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि होम वोटिंग के प्रति विधानसभा चुनाव-2023 से भी ज्यादा उत्साह है। विधानसभा चुनाव के दौरान 61,628 पात्र मतदाताओं ने पंजीकरण कराया था।

राज्य में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 12 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा जहां होम वोटिंग के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दूसरे चरण में राज्य की 13 सीटों पर मतदान होगा जहां होम वोटिंग के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है।

गुप्ता ने बताया कि पहले चरण के मतदान वाले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अब तक कुल 36,858 पात्र मतदाताओं ने होम वोटिंग के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें 27,536 वरिष्ठ नागरिक और 9,322 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं। निर्वाचन अधिकारी होम वोटिंग का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को एक अप्रैल तक उपलब्ध करवाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके बाद होम वोटिंग के विशेष मतदान दल गठित कर उनके प्रशिक्षण की प्रक्रिया 4 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। ये विशेष दल राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की मौजूदगी में पंजीकृत मतदाताओं के घर पहुंचकर पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करवाएंगे। होम वोटिंग के लिए मतदान प्रक्रिया 5 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक चलेगी। किसी कारण से मतदाता के होम वोटिंग से वंचित रह जाने पर दूसरा चरण 15 से 16 अप्रैल के बीच होगा।

गुप्ता ने बताया कि दूसरे चरण में मतदान वाले 13 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में होम वोटिंग के लिए पंजीकरण का कार्य जारी है और दो अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता है। अब तक 31 हजार से अधिक पात्र मतदाओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें 23,694 वरिष्ठ नागरिक और 7,413 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।

इसमें निर्वाचक अधिकारी होम वोटिंग का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को आठ अप्रैल तक उपलब्ध कराएंगे। विशेष मतदान दल गठित कर उनके प्रशिक्षण की प्रक्रिया 13 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। होम वोटिंग के लिए मतदान प्रक्रिया 14 अप्रैल से शुरू होकर 21 अप्रैल तक चलेगी। किसी कारण से मतदाता के होम वोटिंग से वंचित रह जाने पर दूसरा दौर 22 से 23 अप्रैल के बीच होगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि होम वोटिंग की सुविधा विकल्प के रूप में है। लोकसभा चुनाव के लिए होम वोटिंग की सुविधा ऐसे मतदाताओं को मिलती है, जो 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों हों या 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता श्रेणी के हों।

सीईसी राजीव कुमार ने ईवीएम की आलोचना का खंडन करने के लिए दोहे का इस्तेमाल किया

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के आलोचकों पर कटाक्ष करने के लिए शनिवार को एक दोहे का इस्तेमाल किया और कहा कि आयोग को अक्सर ‘‘अधूरी इच्छाओं’’ के लिए विपरीत टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है।

कुमार ने सात चरणों में लोकसभा चुनाव की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘अधूरी हसरतों का इल्जाम हर बार हम पर लगाना ठीक नहीं, वफा खुद से नहीं होती, खता ईवीएम की कहते हो, और बाद में जब परिणाम आता है तो उस पर कायम भी नहीं रहते।’’

कुमार ने शुक्रवार रात को यह दोहा लिखा था, जिसका मतलब यह है कि जब किसी ने अपना काम ठीक से नहीं किया है तो अपनी अधूरी इच्छाओं के लिए चुनाव आयोग को दोष देना उचित नहीं है।

उन्होंने अपने तर्क को स्पष्टता प्रदान करने के लिए कहा कि ईवीएम से हुए चुनाव में सत्ताधारी दलों को भी हार का सामना करना पड़ा है।

सीईसी ने निश्चित तौर पर कटु आलोचनाओं वाले चुनाव अभियान की आशंका जताते हुए राजनीतिक दलों और नेताओं से आग्रह किया कि वे अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और मिथ्यापवाद से परहेज करें।

उन्होंने बशीर बद्र का एक शेर उद्धृत किया: ‘‘दुश्मनी जम के करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाए तो शर्मिंदा न हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप कट्टर दुश्मन हो सकते हैं, लेकिन दोस्त बनने पर शर्मिंदा न होने की गुंजाइश होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इन दिनों ‘दुश्मनों’ के दोबारा ‘दोस्त’ बनने के कई मामले सामने आ रहे हैं।

सीईसी ने रहीम के एक दोहे को भी उद्धृत किया: ‘‘रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय, टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गांठ पड़ी जाए।’’

इसका मोटे तौर पर मतलब यह है कि प्रेम संबंध यदि एक बार टूट जाएं तो दोबारा जुड़ते नहीं हैं और अगर जुड़ भी जाए तो गांठ पड़ ही जाते है।

चुनाव के दौरान फर्जी खबरों को लेकर कुमार ने मतदाताओं से आग्रह किया कि वे ऐसी असत्यापित जानकारी साझा न करें।

उन्होंने कहा, ‘‘झूठ के बाजार में रौनक तो बहुत है, गोया बुलबुले जैसी तुरंत ही फूट जाती है…पकड़ भी लोगे तो क्या हासिल होगा सिवाय धोखे के।’’