कनीना मामले में प्रशासनिक अधिकारियों आरटीए, जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध भी होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई: कुलभूषण शर्मा

चन्द्र शेखर धरणी, चंडीगढ़: निजी स्कूल संस्थान निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कनीना में हुए सड़क हादसे में बच्चों की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने घायल बच्चों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की। उन्होंने कहा की चालक के शराब पिए जाने, ओवर स्पीड और छुट्टी वाले दिन स्कूल… Continue reading कनीना मामले में प्रशासनिक अधिकारियों आरटीए, जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध भी होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई: कुलभूषण शर्मा

आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने हरियाणा के स्कूलों पर की चिंता व्यक्त

आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र लोकसभा प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश में स्कूलों की बदहाली पर चिंता व्यक्त की और कहा कि उच्च न्यायालय की फटकार के बाद भी स्कूलों में व्यवस्था नहीं सुधर रही है। डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षा देने के नाम पर विफल… Continue reading आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने हरियाणा के स्कूलों पर की चिंता व्यक्त

Noida: Water Park में दिल्ली के युवक की संदिग्ध हालात में मौत

नोएडा के एक वॉटर पार्क में रविवार को एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि घटना सेक्टर-39 थाना क्षेत्र में सेक्टर-38ए स्थित जीआईपी मॉल के वॉटर पार्क की है।

दिल्ली-एनसीआर में शहरी गरीबों को वायु प्रदूषण शब्दावली की बहुत कम जानकारी: Survey

दिल्ली-एनसीआर में शहरी गरीबों के बीच वायु प्रदूषण से संबंधित शब्दों जैसे वायु गुणवत्ता सूचकांक और पार्टिकुलेट मैटर के बारे में जागरूकता “काफी” कम है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 तक किए गए अध्ययन में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम के 500 लोगों को शामिल किया गया। सर्वेक्षण के लिए, उन्हें दो समूहों, अनौपचारिक बस्तियों और मलिन बस्तियों के निवासी और औपचारिक मध्यवर्गीय बस्तियों के निवासी में वर्गीकृत किया गया था।

गैर सरकारी संगठन ‘चिंतन एनवायरमेंटल रिसर्च एंड एक्शन ग्रुप’ के सर्वेक्षण “साफ सांस” में कहा गया है, “शहरी गरीबों के बीच वायु प्रदूषण से संबंधित शब्दों के बारे में जागरूकता काफी कम थी। केवल 10 प्रतिशत लोगों को एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) और पीएम 2.5 जैसे वायु प्रदूषकों के बारे में पता था, जबकि मध्यमवर्गीय बस्तियों के 71 प्रतिशत व्यक्तियों को इसकी जानकारी थी।”

पीएम 2.5 सूक्ष्म कण होते हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है। ये मानव केश से 100 गुना अधिक पतले होते हैं और लंबे समय तक हवा में रहते हैं। ये सांस लेने के साथ शरीर में घुसकर स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं।

अध्ययन के निष्कर्षों में यह भी बताया गया है कि 33 प्रतिशत शहरी गरीब उत्तरदाताओं ने वाहनों को, 27 प्रतिशत ने निर्माण गतिविधियों और 20 प्रतिशत ने पराली जलाने को वायु प्रदूषण के लिए मुख्य कारण माना।

निर्वाचन आयोग ने कम मतदान वाली 266 संसदीय सीटों की पहचान की

New Delhi: Chief Election Commissioner Rajiv Kumar with Election Commissioner Gyanesh Kumar during a conference on the issue of 'Low Voter Turnout' ahead of Lok Sabha elections, in New Delhi, Friday, April 5, 2024. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI04_05_2024_000042B)

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि उसने कम मतदान वाले कुल 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की है और वह लोकसभा चुनावों में इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए योजना बना रहा है।

इन 266 संसदीय क्षेत्रों में से 215 ग्रामीण इलाकों में हैं।

प्रमुख शहरों के नगर निगम आयुक्तों और बिहार और उत्तर प्रदेश के चुनिंदा जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) ने चिह्नित शहरी और ग्रामीण लोकसभा सीटों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने पर यहां चर्चा की।

निर्वाचन आयोग ने कम मतदान को लेकर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि कम मतदान वाले 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की गई है जिनमें से 215 ग्रामीण और 51 शहरी क्षेत्र हैं।

बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और झारखंड सहित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने जोर देकर कहा कि ‘एक जैसा रुख सभी के लिए उपयुक्त है’ वाला दृष्टिकोण इस मामले में काम नहीं आएगा। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों और खंडों के लिए अलग-अलग रणनीतियों पर काम करने की वकालत की।

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा। मतों की गिनती चार जून को होगी।

ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, पीएमएलए कोर्ट ने संज्ञान लिया

कथित भूमी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी ने खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। वहीं, इस पर पीएमएलए कोर्ट ने संज्ञान लिया। 5500 पन्नों की शिकायत दी गई बता दें कि 5,500 पन्नों की शिकायत शनिवार को रांची में एक विशेष पीएमएलए अदालत… Continue reading ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, पीएमएलए कोर्ट ने संज्ञान लिया

पूंडरी हल्के में मंडी पर लगा ताला, किसानों को अपना अनाज अडानी को बेचने पर किया जा रहा मजबूर: डॉ. सुशील गुप्ता

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा से ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने पूंडरी के पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता की। इससे पूर्व भारतीय किसान यूनियन (मान गुट) के युवा प्रदेश अध्यक्ष राजीव आर्य अपने 100 से ज्यादा समर्थकों के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। राजीव आर्य के साथ… Continue reading पूंडरी हल्के में मंडी पर लगा ताला, किसानों को अपना अनाज अडानी को बेचने पर किया जा रहा मजबूर: डॉ. सुशील गुप्ता

पूर्व सीएम मास्टर हुकम सिंह के दामाद जयकिशन छिल्लर भाजपा में शामिल

चंद्र शेखर धरणी, चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री मास्टर हुकम सिंह के दामाद एवं सेवानिवृत्त जेल अधीक्षक जयकिशन छिल्लर रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। बादली में हुए एक कार्यक्रम में भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़, सांसद अरविंद शर्मा व पार्टी के जिलाध्यक्ष राजपाल शर्मा के नेतृत्व में उन्होंने भाजपा का दामन… Continue reading पूर्व सीएम मास्टर हुकम सिंह के दामाद जयकिशन छिल्लर भाजपा में शामिल

सिंगापुर में इजराइली दूतावास को आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट हटाना पड़ा

इजराइली दूतावास ने यहां सिंगापुर सरकार के हस्तक्षेप के बाद उस आपत्तिजनक पोस्ट को फेसबुक से हटा दिया है, जिसमें ‘कुरान’ का उल्लेख करते हुए एक राजनीतिक पक्ष रखने की कोशिश की गई थी।

फेसबुक पेज पर रविवार को यह पोस्ट डाली गई थी।

कानून एवं गृह मंत्री के. शानमुगम ने इसे ‘‘इतिहास फिर से लिखने की आश्चर्यजनक कोशिश’’ बताया और कहा कि यह पोस्ट ‘असंवेदनशील, अनुचित और पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि यह सिंगापुर में सुरक्षा एवं सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा सकती है।

‘टुडे’ समाचारपत्र ने मंत्री को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने कल (रविवार को) विदेश मंत्रालय के साथ बात की और कहा कि दूतावास को तुरंत पोस्ट हटानी होगी, और उसने इसे हटा दिया।’’

इससे पहले, सोमवार को विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने कहा, ‘‘राजनीतिक पक्ष रखने के लिए धार्मिक ग्रंथ का संदर्भ देना अत्यधिक अनुचित है। हमने दूतावास से यह स्पष्ट कर दिया, जिसने पोस्ट हटा दिया है।‘‘

सिंगापुर स्थित इजराइली दूतावास के फेसबुक पेज पर इस पोस्ट में कहा गया था, ‘‘कुरान में इजराइल का 43 बार उल्लेख किया गया है। वहीं, दूसरी ओर फलस्तीन का एक बार भी उल्लेख नहीं है।’’

पोस्ट में कहा गया था कि मानचित्र, दस्तावेज और सिक्कों जैसे पुरातात्विक साक्ष्य से प्रदर्शित होता है कि यहूदी लोग इजराइल के मूल निवासी हैं।

शानमुगम ने कहा, ‘‘यह पोस्ट इतिहास फिर से लिखने की एक आश्चर्यजनक कोशिश है। पोस्ट लिखने वाले को संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों पर गौर करना चाहिए, इतिहास का पुनर्लेखन करने से पहले देखना चाहिए कि पिछले कुछ दशकों में इजराइल की कार्रवाई क्या अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप रही है।’’

वहीं, समाज एवं परिवार विकास मंत्री और मुस्लिम मामलों के प्रभारी मंत्री मासगोस जुल्कीफली ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वह भी उक्त पोस्ट से काफी आहत हुए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को ‘बेतुका’ बताकर खारिज किया

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन द्वारा बार-बार किये जा रहे दावे को शनिवार को ‘बेतुका’ करार देते हुए इसे खारिज कर दिया और कहा कि यह सीमांत राज्य ‘‘भारत का स्वाभाविक हिस्सा’’ है।

अरुणाचल पर चीन द्वारा अक्सर किये जाने वाले दावे और राज्य का भारतीय राजनीतिक नेताओं द्वारा किये जाने वाले दौरे का चीन के विरोध करने पर संभवत: अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है।

उन्होंने यहां नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के ‘साउथ एशियन स्टडीज इंस्टीट्यूट’ में एक व्याख्यान देने के बाद अरुणाचल मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह कोई नया मुद्दा नहीं है। मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है, इसने अपने दावे को दोहराया है। ये दावे शुरू से बेतुके हैं और आज भी बेतुके बने हुए हैं।’’

जयशंकर तीन दिन के दौरे पर यहां हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश ‘‘भारत का एक स्वाभाविक हिस्सा’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मुझे लगता है कि हम इस पर बहुत स्पष्ट रहे हैं और हमारा एकसमान रुख रहा है। और मुझे लगता है कि आप जानते हैं कि यह ऐसी चीज है, जो वर्तमान में जारी सीमा वार्ता का हिस्सा है।’’

जयशंकर ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भारत के लिए आज यह चुनौती है कि दो उभरती शक्तियों, जो पड़ोसी देश भी हैं, के बीच कैसे टिकाऊ संतुलन तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का एक इतिहास और आबादी है जो उन्हें शेष विश्व से अलग करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए एक बहुत जटिल चुनौती है।’’

जयशंकर ने कहा कि 2020 में जब चीन ने सीमा पर कुछ करने का विकल्प चुना तो यह भारत के लिए एक बड़ा आश्चर्य था और उसका यह कदम दोनों देशों के बीच बनी सहमति का पूरी तरह से उल्लंघन था।

विदेश मंत्री पैंगोंग झील इलाके में एक हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को उत्पन्न हुए पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध का संदर्भ दे रहे थे। पूर्वी लद्दाख गतिरोध ने व्यापार को छोड़कर सभी मोर्चों पर द्विपक्षीय संबंधों में ठहराव ला दिया।

भारत, चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) पर देपसांग और डेमचोक से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दबाव बना रहा है। भारत का यह कहना है कि जब तक सीमा पर स्थिति असमान्य बनी रहेगी तब तक चीन के साथ सामान्य संबंध बहाल नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा, ‘‘संतुलन बनाने के लिए बुनियाद को मजबूत करने के बजाय, उन्होंने (चीनी पक्ष) ने स्थिति को बिगाड़ दिया।’’

जयशंकर ने कहा कि सीमा विवाद का समाधान होने में वक्त लग सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत जटिल मुद्दा है। हम सीमा विवाद का हल करने के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। हम सीमा पर शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के बारे में बात कर रहे हैं।’’

जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच गलतफहमी का कोई मुद्दा नहीं है। दोनों देशों ने सीमा विवाद पर समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह 2020 तक काम करता रहा। इसलिए हम क्यों नहीं बैठें और लंबे समय तक बरकरार रखी गई शांति एवं स्थिरता को जारी रखने के उपाय तलाशें।’’

विदेश मंत्रालय द्वारा चीन के रक्षा मंत्रालय के बयान को खारिज किये जाने के कुछ दिनों बाद जयशंकर की यह टिप्पणी आई है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘‘हमने चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता की उस टिप्पणी पर गौर किया, जिसमें भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के भूभाग को लेकर बेतुके दावे किये गए हैं।’’

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘इस बारे में बेबुनियाद तर्क को दोहराना इस तरह के दावे को कोई वैधता नहीं प्रदान करता। अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न हिस्सा था, है, और हमेशा रहेगा। इसके लोग हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का लाभ प्राप्त करते रहेंगे।’’

इससे पहले, चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने पर आपत्ति जताई थी।