केजरीवाल की गिरफ्तारी प्रतिशोध की राजनीति, ‘इंडिया’ गठबंधन और एकजुट होगा: कांग्रेस

कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को ‘प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस तरह के कदम से ‘इंडिया’ गठबंधन और एकजुट होगा क्योंकि यह गठबंधन नहीं, बल्कि ‘जनबंधन’ है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बौखलाए हुए हैं तथा विपक्ष को पटरी से उतारने और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारियां की जा रही हैं।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को ईडी ने बृहस्पतिवार रात को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने केजरीवाल को अदालत में पेश किया और 10 दिन की उनकी हिरासत का अनुरोध किया।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह प्रतिशोध की राजनीति है, उत्पीड़न की राजनीति है। यह बिल्कुल साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बौखलाए हुए हैं। ‘इंडिया’ गठबंधन बहुत मजबूत गठबंधन है। यह सिर्फ गठबंधन नहीं, बल्कि जनबंधन है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘यह बिल्कुल साफ हो गया है कि इस चुनाव में जनादेश हमें ही मिलने वाला है इसलिए उन्होंने पहले झारखंड के मुख्यमंत्री (हेमंत सोरेन) को गिरफ्तार किया और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री (केजरीवाल) को गिरफ्तार किया है और कई नेताओं के पीछे आयकर, सीबीआई और ईडी को छोड़ दिया है। यह सब प्रधानमंत्री की मानसिकता को दर्शाता है।’’

रमेश ने आरोप लगाया कि यह सब विपक्ष को पटरी से उतारने और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश है।

उनके मुताबिक, ‘‘कांग्रेस और विपक्ष की पार्टियां बेरोजगारी महंगाई, आर्थिक विषमता और सामाजिक ध्रुवीकरण जैसे मुद्दे उठा रहे हैं। इनसे ध्यान भटकाने के लिए गिरफ्तारियां की जा रही हैं, ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल हो रहा है। यह सब सिर्फ ‘हैडलाइन मैनेजमेंट’ है।’’

केंद्र ने लोकसभा चुनाव की तारीखों को अधिसूचित करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा

आम चुनाव के संदर्भ में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने रविवार को निर्वाचन आयोग की सिफारिश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजकर सात चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव की तारीखों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

निर्वाचन आयोग की सिफारिश के मुताबिक 19 अप्रैल को 102 सीट पर पहले चरण में मतदान होगा जिसके लिए 20 मार्च को पहली अधिसूचना जारी की जाएगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही किसी विशेष चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होती है।

निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार को घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे और उसके बाद 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को चुनाव होंगे।

सूत्रों के मुताबिक, रविवार सुबह मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रपति से विभिन्न चरणों के लिए अधिसूचना जारी करने की अनुशंसा की गई।

निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों को अधिसूचित करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को अनिवार्य रूप से सिफारिश भेजता है।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 14 (2) के तहत निर्वाचन आयोग, सरकार को अपनी सिफारिश भेजता है जो राष्ट्रपति से चुनाव की तारीखों की अधिसूचना को मंजूरी देने का अनुरोध करती है।

निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर कानून मंत्रालय केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए एक प्रस्ताव तैयार करता है, जो राष्ट्रपति से विभिन्न चरणों के लिए अधिसूचना जारी करने की मंजूरी देने की अनुशंसा करता है।