वायुसेना के सी-17 विमान ने अरब सागर में सटीकता से उतारे साजो-सामान, अपहृत जहाज छुड़ाने में दी मदद

भारतीय वायु सेना के एक सी-17 सामरिक परिवहन विमान ने सोमालियाई समुद्री डाकुओं से अपहृत मालवाहक जहाज को छुड़ाने में नौसेना की अहम सहायता की। विमान ने अरब सागर में समुद्री कमांडो के साथ दो लड़ाकू नौकाओं को भी सटीक स्थान पर पहुंचाया।

वायुसेना ने बताया कि ‘कॉम्बैट रबराइज्ड रेडिंग क्राफ्ट’ (सीआरआरसी) नौकाओं और मार्कोस कमांडो को हवाई मार्ग से पहुंचाकर दोनों बलों ने ‘समन्वय’ का ‘उल्लेखनीय प्रदर्शन’ किया।

नौसेना ने शनिवार को एक सुव्यवस्थित अभियान में भारतीय तट से लगभग 2,600 किलोमीटर दूर एक व्यापारिक जहाज को अपने कब्जे में लेकर उसे बंधक बनाने वाले 35 समुद्री लुटेरों को पकड़ लिया और जहाज पर बंधक बनाए गए चालक दल के सभी 17 सदस्यों को मुक्त करा लिया।

नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया। अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया।

नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन जहाज का सोमालियाई जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था।

वायुसेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया, ‘‘एकजुटता और समन्वय के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में, वायुसेना के सी-17 विमान ने जलदस्यु के खिलाफ चल रहे अभियान ‘संकल्प’ के समर्थन में भारतीय नौसेना के मार्कोस के साथ दो सीआरसीसी नौकाओं को अरब सागर में सटीक स्थान पर उतारा।’’

वायुसेना ने बताया, ‘‘भारतीय तट से 2600 किलोमीटर दूर एक क्षेत्र में लगभग 10 घंटे तक उड़ान भरते हुए, विशाल मालवाहक जहाज एमवी रुएन के चालक दल को बचाने के लिए ऑपरेशन चलाया गया।’’

एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है। इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा।

यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ़ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं।