लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को नमन किया और कहा कि ”मेरठ की ये धरती क्रांति और क्रांति वीरों की धरती है। इस धरती पर बाबा औघड़ धाम का आशीर्वाद है।
लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को नमन किया और कहा कि ”मेरठ की ये धरती क्रांति और क्रांति वीरों की धरती है। इस धरती पर बाबा औघड़ धाम का आशीर्वाद है।
वाम दलों को भी 5 सीटें देने के लिए आपसी सहमति बन चुकी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रीय जनता दल बिहार में बड़े भाई की भूमिका निभाएगी।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख 79 वर्षीय जीतन राम मांझी ने प्रदेश भाजपा प्रमुख और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू मंत्री श्रवण कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान जैसे सहयोगियों की उपस्थिति में आरक्षित गया सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी को गया लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।
राजग ने इस सप्ताह की शुरुआत में बिहार में अपने घटक दलों के बीच सीटबंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा की थी, जिसके तहत प्रदेश की कुल 40 लोकसभा सीटों में से भाजपा 17 सीटों पर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इस बार बसपा ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है जबकि सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है और दोनों दल विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं। रालोद ने भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से हाथ मिलाया है।
पारस की पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि पार्टी नेता जल्द मिलकर आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेंगे। उन्होंने साफ किया कि पारस चुनाव लड़ेंगे।
बिहार में राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते के तहत, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक-एक सीट दी गई है।
अपना दल (एस) की ओर से आशीष पटेल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की ओर से विच्छेलाल जबकि राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की ओर से योगेश चौधरी ने नामांकन दाखिल किया।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “देवरिया मेरे लिये नया नहीं है। मैं यहां लगातार 30 वर्षो से आ रहा हूं। यहां हमलोग जिन समस्याओं को लेकर संघर्ष कर रहे थे, उसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में धरातल पर उतारने का कार्य किया गया। मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया।”