वाम दलों को भी 5 सीटें देने के लिए आपसी सहमति बन चुकी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रीय जनता दल बिहार में बड़े भाई की भूमिका निभाएगी।
वाम दलों को भी 5 सीटें देने के लिए आपसी सहमति बन चुकी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रीय जनता दल बिहार में बड़े भाई की भूमिका निभाएगी।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख 79 वर्षीय जीतन राम मांझी ने प्रदेश भाजपा प्रमुख और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू मंत्री श्रवण कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान जैसे सहयोगियों की उपस्थिति में आरक्षित गया सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
पार्टी अध्यक्ष पप्पू यादव ने कांग्रेस के साथ दिल्ली में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है। इससे पहले पप्पू यादव मंगलवार देर रात राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव और पार्टी नेता तेजस्वी यादव से मिलने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे थे।
बिहार में राजग सरकार के गठन के बाद विधानसभा में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के विश्वास मत के दौरान राजद विधायक और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद पाला बदलकर जदयू के खेमे में चले गए थे।
चिराग ने कहा, “मैं यहां संवाददाताओं की भीड़ देख सकता हूं, जो यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि चिराग पासवान किसके साथ रहेंगे। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चिराग पासवान केवल बिहार के लोगों के साथ जुड़े हुए हैं।”
धनंजय सिंह ने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तैयारी की थी। वह पहले राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) के घटक दल जनता दल-यूनाइटेड के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन मगर भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया जिससे धनंजय निराश होकर समाजवादी पार्टी से टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले जब भी आप आते थे तो मैं गायब हो जाता था लेकिन अब मैं आपके साथ हूं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपके साथ हूं और कहीं नहीं जाऊंगा। हम 2005 से एक साथ हैं और हम विकास के लिए इतनी मेहनत की।
वहीं कांग्रेस के भी दो विधायकों ने राजग का हाथ थाम लिया है ऐसे में विपक्षी गठबंधन (‘इंडिया’) के अब तक 7 विधायकों ने गठबंधन छोड़कर भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के खेमे में जा चुके हैं।
नितीश कुमार ने आगे बात करते हुए राजद प्रमुख लालू यादव के ‘दरवाजा खुला है’ वाले बयान पर कहा कि, “कौन क्या बोलता है उसके चक्कर में मत आइए। हम सब एक साथ हो गए हैं, जैसे पहले थे। जो गड़बड़ी हुई है उसकी जांच होगी, चीजें ठीक नहीं चल रही थीं, इसलिए हमने उन्हें (राजद) छोड़ दिया।”
लालू यादव के इस बयान के बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, ‘‘लालू जी कहते हैं कि दरवाजे अब भी खुले हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि दरवाजे पर अलीगढ़ का मशहूर ताला लगा दिया गया है साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब भी राजद ने हमारे साथ सत्ता साझा की है, वह भ्रष्टाचार में लिप्त रही है। वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है।’’