दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया, आम आदमी पार्टी छोड़ी

दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी (आप) में दलितों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए बुधवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और पार्टी छोड़ दी।

समाज कल्याण समेत विभिन्न विभाग संभालने वाले आनंद ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि ‘आप’ के शीर्ष नेताओं में कोई दलित नहीं है।

उन्होंने आप के दलित विधायकों, मंत्रियों और निगम पार्षदों को कोई सम्मान नहीं दिए जाने का भी आरोप लगाया।

आनंद पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।

AAP 14 अप्रैल को मनाएगी ‘संविधान बचाओ, तानाशाही हटाओ दिवस’’

आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को घोषणा की कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सलाह पर 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर की जयंती पर ‘संविधान बचाओ, तानाशाही हटाओ दिवस’ मनाएगी।

पार्टी नेता गोपाल राय ने संवाददाताओं से कहा कि जेल से एक अन्य संदेश में केजरीवाल ने पार्टी के विधायकों और स्वयंसेवकों से यह सुनिश्चित करने के लिए काम करने को कहा है कि दिल्ली के लोगों को कोई समस्या न हो।

राय ने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने मंगलवार को तिहाड़ जेल में केजरीवाल से मुलाकात की और पार्टी की एक बैठक में उनका संदेश सुनाया। इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और अन्य लोग शामिल हुए थे।

केजरीवाल ने अपने संदेश में कहा कि आप देश में ‘‘तानाशाही’’ के किसी भी अत्याचार का सामना करने के लिए तैयार है।

राय के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में आप नेताओं और स्वयंसेवकों को 14 अप्रैल को आंबेडकर की जयंती पर ‘‘तानाशाही’’ का विरोध करने और संविधान बचाने की शपथ लेनी चाहिए।

न्यायालय ने अपना ही फैसला रद्द किया, दिल्ली मेट्रो की याचिका विचारार्थ स्वीकार की

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को बड़ी राहत प्रदान करते हुए बुधवार को अपना ही एक फैसला रद्द कर दिया और कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की उपक्रम कंपनी ‘दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड’ को 2017 के मध्यस्थता आदेश के अनुपालन में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है।

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 2021 के फैसले के खिलाफ दाखिल दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की सुधारात्मक याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया और कहा कि शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने में गलती की।

दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 2019 में डीएमआरसी के खिलाफ पारित मध्यस्थता आदेश को रद्द कर दिया था।

पीठ ने अपने फैसले में कहा ,‘‘ दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करते हुए इस अदालत ने स्पष्ट रूप से एक ऐसा फैसला सुनाया जिसने एक सार्वजनिक उपक्रम को अत्यधिक जिम्मेदारी से लाद दिया।’’

पीठ ने कहा कि इस मामले में शीर्ष अदालत के पूर्व के फैसले से ‘‘न्याय का उपहास’’ हुआ और इसमें सुधार की जरूरत हुई।

फैसले में कहा गया कि डीएमआरसी द्वारा अब तक जमा की गई राशि वापस कर दी जाएगी। फैसले से पक्षकारों की वही स्थिति बहाल हो गई जिस स्थिति में वे दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले की घोषणा की तारीख पर थे। विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है।

वर्ष 2017 का मध्यस्थता आदेश 7,200 करोड़ रुपये का था और ब्याज और अन्य शुल्कों के साथ राशि बढ़कर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।

शीर्ष अदालत ने डीएएमईपीएल को 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने के फैसले को चुनौती देने वाली डीएमआरसी की अपील और पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी थीं।

दिल्ली हवाई अड्डे पर ‘परमाणु बम’ की धमकी को लेकर दो गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर ‘परमाणु बम’ साथ ले जाने का उल्लेख करने पर दो लोगों को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि घटना पांच अप्रैल की है जब गुजरात के राजकोट निवासी जिग्नेश मलानी और कश्यप कुमार ललानी ने अहमदाबाद जाने वाली उड़ान में सवार होने से पहले सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा जांच किए जाने पर आपत्ति जताई।

विमानन कंपनी के एक अधिकारी की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक दोनों ने सुरक्षाकर्मी से कहा, ‘‘तुम क्या करोगे जब कहेंगे कि हम परमाणु बम ले जा रहे हैं।’’

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मलानी और ललानी को विमान एवं उसमें सवार यात्रियों के लिए खतरा पैदा करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस उपायुक्त (इंदिरा गांधी हवाई अड्डा) उषा रंगानी ने कहा कि जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी निर्माण क्षेत्र में ठेकेदार हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘वे दिल्ली के द्वारका में खरीददारी के संबंध में बातचीत के लिए अपने कारोबारी सहयोगियों से मिलने आए थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। मामले की जांच जारी है।’’

Delhi: उपराज्यपाल ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखी चिट्ठी, कही ये बात

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केंद्रीय गृह सचिव को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने चिट्ठी में दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार पर कोर्ट को गुमराह करने का जिक्र चिट्ठी में किया है।

भाजपा 2025 में विधानसभा का चुनाव जीतेगी, दिल्ली की 90 प्रतिशत समस्याओं का हल करेगी: मनोज तिवारी

लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के गति पकड़ने के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने बुधवार को दावा किया कि 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर उनकी पार्टी 25 वर्ष बाद राजधानी की सत्ता में वापसी करेगी और एक ही कार्यकाल में शहर की 90 प्रतिशत समस्याओं का हल कर लेगी।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ का दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर दिल्ली की जनता को मिल रही मौजूदा सुविधाओं के अतिरिक्त अन्य रियायतें भी दी जाएंगी।

भोजपुरी गायक और अभिनेता से राजनीतिक नेता बने तिवारी ने कहा, ‘‘भाजपा करीब 25 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है। यह भाजपा की हार नहीं है, यह दिल्ली की हार है। अब दिल्ली जीतेगी और मुझे उम्मीद है कि 2024 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही यहां डबल-इंजन की सरकार बनेगी… और 2025 में दिल्ली की जनता भाजपा को मौका देगी।’’

दिल्ली की अदालत ने दो बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में नाबालिग को दोषी ठहराया

दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2017 में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म के लिए एक नाबालिग को दोषी ठहराया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत नाबालिग आरोपी के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे।

नाबालिग आरोपी पर सात और करीब चार वर्ष की बच्चियों से दुष्कर्म करने के लिए यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

अदालत ने मंगलवार को पारित एक आदेश में कहा, ”निर्णायक रूप से ऐसा कहा जा सकता है कि अभियोजन पक्ष बिना किसी संदेह के आरोपों को साबित करने में सफल रहा कि आरोपी ने दोनों पीड़ित बच्चियों से दुष्कर्म के अपराध को अंजाम दिया था।”

राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजय दहिया उपस्थित हुए।

अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी (आईओ) ने तय समय के भीतर पीड़ित बच्चियों के बयान दर्ज नहीं किये और न ही उनमें से एक के फटे हुए कपड़े जब्त किये लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अपराध नहीं हुआ।

अदालत के मुताबिक, ”आईओ की तरफ से हुई लापरवाही के कारण अन्य सबूतों को व्यर्थ नहीं करार दिया जा सकता।”

अदालत ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे यह पता चले कि पीड़ित बच्चियों को आरोपों के बारे में कुछ सिखाया गया हो। अदालत ने कहा कि बच्चियों की चिकित्सा जांच से उनके बयानों की पुष्टि होती है। अदालत के मुताबिक, जिस दिन अपराध हुआ उसी दिन बच्चियों की चिकित्सा जांच कराई गयी थी।

अदालत ने कहा, ”दोनों बच्चियों की चिकित्सीय जांच केवल एक ही बात की ओर इशारा करती हैं कि दोनों के साथ जबरन दुष्कर्म किया गया था।”

अदालत के मुताबिक, बच्चियों में से एक ने अदालत में आरोपी की पहचान नहीं की लेकिन उसकी गवाही से नदारद इस संदर्भ को फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट ने पूरा कर दिया।

फॉरेंसिक जांच के अनुसार, बच्ची का खून आरोपी के पायजामा पर पाया गया था।

मुख्तार अंसारी ने 30 वर्ष की उम्र में दिखा दिया था कि वह कानून से नहीं डरता: दिल्ली पुलिस के अधिकारी

गैंगस्टर से राजनीतिक नेता बने मुख्तार अंसारी ने 30 वर्ष की उम्र में ही दिखा दिया था कि वह कानून से नहीं डरता। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी और कहा कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा एक अत्यधिक संवेदनशील मामले में 1993 में गिरफ्तार किये जाने पर मुख्तार ने बेखौफ होकर अपने अपराधों के बारे में खुलासा किया था।

यह मामला लुटियंस दिल्ली से एक कारोबारी का अपहरण करने और फिरौती मांगने से जुड़ा है।

उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद रहने के दौरान तबीयत खराब होने पर पांच बार के विधायक अंसारी को वहां के एक मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान दिल का दौरा पड़ने पर बृहस्पतिवार को अंसारी की मौत हो गई।

दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक चंद ने अपहरण के मामले को याद करते हुए कहा, ‘‘वह (अंसारी) उस वक्त करीब 30 वर्ष का था, आत्मविश्वास से परिपूर्ण और कानून के प्रति बेखौफ था। उन दिनों यह एक अत्यधिक संवेदनशील मामला था।’’

अधिकारी ने अपराध शाखा की टीम का नेतृत्व किया था और दिल्ली से करीब 250 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित पंचकूला से कारोबारी को सुरक्षित रूप से मुक्त कराने को सुनिश्चित किया था।

अंसारी और उसके दो सहयोगियों ने पश्चिम दिल्ली के कारोबारी वेद प्रकाश गोयल के परिवार से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।

अधिकारी ने दिल्ली में अंसारी से विस्तृत पूछताछ की थी। अधिकारी ने बताया कि वह और उनकी टीम ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह उत्तर भारत के ‘‘बड़े बाहुबली माफिया’’ की फेहरिस्त में शुमार हो जाएगा।

अंसारी जमीन हड़पने, जबरन वसूली, अपहरण, पैसे लेकर हत्या करने, हत्या, हत्या की कोशिश और शस्त्र अधिनियम सहित 61 मामलों का सामना कर रहा था।

वह ‘पोटा’ (आतंकवाद रोकथाम अधिनियम) और ‘मकोका’ (महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम) सहित दो और मामलों का सामना कर रहा था जो दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 2009 में दर्ज किये थे।

गोयल अपनी लाल रंग की कार से यात्रा कर रहे थे और वह पंडारा रोड पर अपने दोस्त के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने जा रहे थे तभी सात दिसंबर 1993 को उनका अपहरण कर लिया गया था।

अधिकारी ने बताया कि अंसारी और उसके दो सहयोगियों ने गोयल को तिलक मार्ग इलाके से अगवा किया था।

उन्होंने बताया कि उसके सहयोगियों ने पुलिस को बताया कि अंसारी दक्षिण दिल्ली के एक गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ है और उन्होंने उसे भी पकड़ लिया।

अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने उनके पास से राइफल और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद की।’’

उन्होंने कहा कि अंसारी एक बढ़िया निशानेबाज था और वह अपने सटीक निशाने को लेकर जाना जाता था।

भारत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी को लेकर अमेरिकी राजनयिक को तलब किया

भारत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी की टिप्पणी को लेकर बुधवार को अमेरिका की एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया।

भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी मिशन की कार्यवाहक उप प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में तलब किया था। बैठक 30 मिनट से ज्यादा चली।

अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि वाशिंगटन “मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया के लिए प्रोत्साहित करता है।”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बाद में एक बायन में कहा, “ हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाही के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं।”

कांग्रेस ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत को लेकर प्रधानमंत्री पर साधा निशाना

कांग्रेस ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की गिरती कीमत के मुद्दे पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और उनसे जवाब मांगा।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बढ़ती ईंधन दरों, मुद्रास्फीति और ऋण के लिए उच्च ईएमआई के कारण रुपये की गिरती कीमत हर भारतीय की जेब पर असर डालती है।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘वर्ष 2014 से पहले रुपये के मूल्य में अपेक्षाकृत कम गिरावट होने पर भी भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेता बड़ी-बड़ी बातें किया करते थे। याद है, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने रुपये की क़ीमत और डॉ. मनमोहन सिंह की उम्र को जोड़ते हुए कितनी घटिया बातें कही थी। रुपए का मूल्य काफ़ी पहले ही स्वघोषित विश्वगुरु की अपनी उम्र से अधिक नीचे गिर गया है।’’

उन्होंने हैशटैग ‘चुप्पीतोड़ोप्रधानमंत्रीजी के साथ लिखा, ‘‘आज रुपए की क़ीमत में भारी गिरावट के बीच वह कहीं नज़र नहीं आ रहे हैं।’’

प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने तथा एशियाई मुद्राओं के कमजोर होने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 35 पैसे की भारी गिरावट के साथ 83.48 (अस्थायी) प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ।

प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने तथा एशियाई मुद्राओं के कमजोर होने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 48 पैसे की भारी गिरावट के साथ 83.61 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ।

इससे पूर्व 13 दिसंबर, 2023 को रुपये ने 83.40 प्रति डॉलर के निम्नतम स्तर को छुआ था।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वर्ष 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई थी तब एक डॉलर का मूल्य 59 रुपये था। आज भाजपा ने इसे 59 रुपये से बढ़ाकर 84 रुपये पर पहुंचा दिया है।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘रुपये के कमज़ोर होने का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है। रुपये की क़ीमत से तय होता है कि हमें विदेश से आयात होने वाले सामान किस क़ीमत पर मिलेंगे। 2014 में अगर कोई सामान विदेश से 1 डॉलर का आता था तो 59 रुपये चुकाने पड़ते थे। आज हमें उसी एक डॉलर मूल्य की वस्तु के लिए 84 रुपये चुकाने होंगे। हमें जो अतिरिक्त 25 रुपया देना पड़ा रहा है, वह रुपये की गिरती क़ीमत के कारण है। जब विदेशों से आयात होने वाले सामान देश में अधिक क़ीमत पर आएंगे तो ज़ाहिर सी बात है कि लोगों को भी वे ज़्यादा ही दाम पर मिलेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपने कच्चे तेल का 80% आयात करता है। इसमें से अधिकांश का भुगतान डॉलर में करना होता है। रुपये के कमज़ोर होने के कारण भारत अब अधिक कीमत पर ईंधन ख़रीद रहा है। जब भी आप पेट्रोल पंप पर जाते हैं तो रुपये के कमज़ोर होने का असर आपकी जेब पर पड़ता है।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘जब ईंधन महंगा हो जाता है तो हर तरह के समान की ढुलाई लागत बढ़ जाती है। इसलिए खाने-पीने समेत सभी प्रकार की वस्तुएं महंगी होती जा रही हैं। जब आप किराने का सामान खरीदने बाज़ार जाते हैं तो रुपये के कमज़ोर होने के कारण आपको ज़्यादा क़ीमत चुकानी पड़ती है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘जब महंगाई बढ़ेगी, तो आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ऊंची कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरें भी बढ़ाएगा। इससे आपके लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी। यदि आपके पास होम लोन, कार लोन या एजुकेशन लोन है तो अब आप बैंक को अधिक ब्याज देने को मजबूर होंगे – यह सब रुपये के कमज़ोर होने के कारण है।’’