Meta की एक गलती, 3.5 अरब WhatsApp यूजर्स के लिए खतरे की घंटी
भारत में करोड़ों लोग WhatsApp का रोजाना इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में एक ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, WhatsApp के करीब 3.5 बिलियन यानी 350 करोड़ यूजर्स के मोबाइल नंबर ऑनलाइन लीक हो गए हैं।
अगर आप इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। प्लेटफॉर्म एक बार फिर गंभीर सुरक्षा खामी के चलते चर्चा में है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, WhatsApp के करीब 3.5 बिलियन यानी 350 करोड़ यूजर्स के मोबाइल नंबर ऑनलाइन लीक हो गए हैं। यह आंकड़ा ऐप के लगभग हर एक्टिव यूजर को कवर करता है, यानी दुनियाभर के WhatsApp यूजर्स का डेटा खतरे में पड़ गया है।
Meta की लापरवाही से हुआ डेटा एक्सपोजर
चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना किसी हैकर अटैक का नतीजा नहीं, बल्कि WhatsApp की पेरेंट कंपनी Meta की लापरवाही का परिणाम बताई जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को इस सिक्योरिटी बग के बारे में आठ साल पहले ही सूचित किया गया था, लेकिन, तब इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि लंबे समय से कंपनी इस मुद्दे को नजरअंदाज करती रही, जिसके चलते आज यह खामी एक बड़े डेटा लीक का कारण बन गई।
2017 में दी गई थी चेतावनी
दरअसल, University of Vienna के साइबर रिसर्चर्स ने साल 2017 में इस सुरक्षा खामी का खुलासा किया था। टीम ने बताया था कि इस बग की मदद से WhatsApp यूजर्स के मोबाइल नंबर बेहद आसानी से एक्सेस किए जा सकते हैं। रिसर्चर्स ने सिर्फ 30 मिनट के अंदर अमेरिका के 3 करोड़ से ज्यादा यूजर्स के मोबाइल नंबर इकट्ठा कर लिए थे। बाद में टीम ने डेटा डिलीट कर दिया और इस गंभीर खतरे के बारे में Meta को दोबारा सूचित किया।
Simple नाम दिया गया बग को
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने इस बग को ‘Simple’ नाम दिया था और चेतावनी दी थी कि यदि यह तकनीक हैकर्स के हाथ लग गई, तो यह इतिहास के सबसे बड़े डेटा लीक में बदल सकती है। अब रिपोर्ट्स के अनुसार, वही खतरा हकीकत बन गया है।
Meta ने दी प्रतिक्रिया
विवाद बढ़ने के बाद Meta ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला उनके Bug Bounty Program का हिस्सा है। कंपनी ने स्वीकार किया कि University of Vienna के साथ सहयोग में इस गंभीर खामी की पहचान की गई है और इसे ठीक करने का कार्य जारी है। Meta का कहना है कि वे उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और इस बग को जल्द पूरी तरह ठीक कर दिया जाएगा।
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