Delhi Pollution: लगातार चौथे दिन भी वायु गुणवत्ता रही बेहद गंभीर, AQI 400 के पार

ग्रैप की श्रेणी में चार चरण आते हैं : पहला चरण – ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300), दूसरा चरण – ‘बेहद खराब’ (एक्यूआई 301-400), तीसरा चरण – ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450) और चौथा चरण – अत्यंत गंभीर (एक्यूआई 450)। दिल्ली में एक्यूआई सोमवार सुबह सात बजे 440 था।

AQI के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश के सबसे प्रदूषित 52 जिलों में हरियाणा के 20 जिले

पराली जलाने और उसके कारण हो रहे वायु प्रदूषण को लेकर भाजपा नेताओं के बयानों पर आम आदमी पार्टी (आप) ने पलटवार किया है। आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रवक्ता नील गर्ग ने एयर क्वालिटी इंडेक्स(एक्यूआई) के ताजा आंकड़ों के माध्यम से हरियाणा की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि देश के सबसे… Continue reading AQI के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश के सबसे प्रदूषित 52 जिलों में हरियाणा के 20 जिले

दिल्ली प्रदूषण: Air Quality में मामूली सुधार, कई इलाकों में घनी धुंध बरकरार

शहर में शनिवार को लगातार पांचवें दिन धुंध की एक घनी हानिकारक परत छायी हुई है। चिकित्सकों ने चिंता व्यक्त की है कि वायु प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों में श्वसन और आंख संबंधी दिक्कतें बढ़ रही है।

पराली जलाने से बिगड़ी बठिंडा की आबोहवा, AQI ‘खराब’ श्रेणी में किया गया दर्ज

बठिंडा में पराली जलाने के मामले सामने आने के बाद गुरुवार सुबह शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। स्थानीय प्रशासन ने किसानों से पराली जलाने से रोकने की अपील की है। बठिंडा में पराली का धुआं पूरी तरह फैल गया है। जिससे हवा जहरीली हो गई है। परेशान प्रशासन… Continue reading पराली जलाने से बिगड़ी बठिंडा की आबोहवा, AQI ‘खराब’ श्रेणी में किया गया दर्ज

Punjab: पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामले में 53 फीसदी आई कमी

पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पराली के प्रबंधन के लिए 350 करोड़ की योजना तैयार कर काम शुरु किया है। इसके तहत किसानों को सब्सिडी पर मशीनरी मुहैया कराई गई।

हरियाणा : फसलों की कटाई के मौजूदा सत्र में पराली जलाने के 714 मामले सामने आए

हरियाणा में पिछले एक महीने से अधिक समय से धान की कटाई चल रही है। बयान के मुताबिक, हरियाणा सरकार ने पराली जलाने के मुद्दे को गंभीरता से लिया है और किसानों के साथ मिलकर इस तरह के मामलों को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।