पराली जलाने से बिगड़ी बठिंडा की आबोहवा, AQI ‘खराब’ श्रेणी में किया गया दर्ज

पराली जलाने से बिगड़ी बठिंडा की आबोहवा, AQI 'खराब' श्रेणी में किया गया दर्ज

बठिंडा में पराली जलाने के मामले सामने आने के बाद गुरुवार सुबह शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। स्थानीय प्रशासन ने किसानों से पराली जलाने से रोकने की अपील की है। बठिंडा में पराली का धुआं पूरी तरह फैल गया है। जिससे हवा जहरीली हो गई है। परेशान प्रशासन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है।

एक स्थानीय निवासी लकी ने कहा कि आज बठिंडा के आसमान में पराली के धुएं की चादर दिख रही है। सुबह के समय प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि भाई लोग पराली मत जलाओ, क्योंकि इसके धुएं से सभी को बहुत बड़ा नुकसान होगा। स्थानीय प्रशासन ने पंजाब सरकार से पराली जलाने पर रोक लगाने की अपील की है।

मंगलवार को जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने राज्य सरकारों को हलफनामा दायर कर यह बताने का निर्देश दिया कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।
कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

इससे पहले पंजाब सरकार ने उन कदमों को सूचीबद्ध किया था, जो राज्य सरकार ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए हैं। पंजाब सरकार ने एक बयान में कहा कि मशीनों का समय पर वितरण, बेकार पड़ी मशीनों का उपयोग, विभिन्न उद्योगों में पराली का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के प्रयास, विभिन्न निवारक प्रयास, विभिन्न इन-C2 और एक्स-C2 तरीकों को बढ़ावा देने के अभियान और किसानों से अपील ने प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रयास दिखाए हैं।

इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार सुबह 336 दर्ज किया गया, जिससे लगातार चौथे दिन और इस सप्ताह लगातार तीसरे दिन हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई। SAFAR के अनुसार, शहर का AQI रविवार (309) से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, AQI सोमवार को 322 और मंगलवार को 327 दर्ज किया गया था।