BJP सरकार का पहला विधानसभा सत्र कब ? ये होंगे अहम मुद्दे
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नवगठित सरकार ने अपना कार्यकाल शुरू करते ही तेज़ी दिखानी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार 24 फरवरी से 3 दिन का पहला विधानसभा सत्र बुलाने जा रही है।

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नवगठित सरकार ने अपना कार्यकाल शुरू करते ही तेज़ी दिखानी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार 24 फरवरी से 3 दिन का पहला विधानसभा सत्र बुलाने जा रही है। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष का चयन और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के संकेत शामिल हैं।
क्या होगा इस पहले विधानसभा सत्र में?
BJP सरकार ने पहले ही संकेत दिया था कि वह दिल्ली में सुशासन और पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में, इस विशेष सत्र में निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होंगे:
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विधायकों को दिलाई जाएगी शपथ:
- विशेष सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर सभी नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे।
- इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव होगा।
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पांच साल से लंबित कैग (CAG) की 14 रिपोर्ट होंगी पेश:
- भाजपा सरकार ने चुनावी वादे के तहत दिल्ली में पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए वित्तीय अनियमितताओं की जांच का संकल्प लिया था।
- इसके लिए कैग की 14 रिपोर्ट, जो पिछले 5 साल से लंबित थीं, उन्हें सदन में पेश किया जाएगा।
- इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो सकता है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में किस तरह से सरकारी फंड का इस्तेमाल किया गया।
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भ्रष्टाचार के मामलों की जांच होगी तेज:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 फरवरी को भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वादा किया था कि दिल्ली में भ्रष्टाचार की जांच होगी।
- भाजपा सरकार इस सत्र में भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों पर चर्चा कर सकती है और जांच प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान कर सकती है।
- इसमें विभिन्न विभागों में हुई गड़बड़ियों और धन के दुरुपयोग की जांच भी शामिल हो सकती है।
BJP का एजेंडा और दिल्ली की जनता की उम्मीदें
दिल्ली की जनता ने भाजपा को सरकार चलाने का जनादेश दिया है, और अब यह देखना होगा कि भाजपा अपने चुनावी वादों को कैसे और कितनी तेज़ी से पूरा करती है। दिल्ली में योजनाओं के सही क्रियान्वयन, प्रशासन में पारदर्शिता और सुशासन को लेकर आम नागरिकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
भाजपा ने यह भी संकेत दिया है कि वह स्वच्छ प्रशासन के लिए सख्त नीतियां लागू करेगी और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
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