पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किलें, UNSC में भारत ने रखे सबूत
भारत ने आतंकी संगठन TRT के खिलाफ यूएन के सामने सबूत पेश किए हैं। भारत ने सबूतों के साथ बताया है कि पहलगाम आतंकी हमले में टीआरएफ और पाकिस्तान का हाथ है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 पर्यटकों का धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह किया। अब भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके फ्रंट टीआरएफ को बेनकाब किया है। जी हां, पहलगाम हमले को लेकर भारत अब यूएन पहुंच गया है। भारत ने आतंकी संगठन टीआरटी के खिलाफ यूएन के सामने सबूत पेश किए हैं। भारत ने सबूतों के साथ बताया है कि पहलगाम आतंकी हमले में टीआरएफ और पाकिस्तान का हाथ है।
भारत ने गुरुवार को यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑफ काउंटर टेररिज्म (यूएनओसीटी) और काउंटर टेररिज्म कमेटी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टोरेट (सीटीईडी) के सामने सबूत पेश किए। भारत ने सबूतों के साथ टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। भारत ने यूएन कमेटी को यह भी बताया कि टीआरएफ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है।
किससे टीम इंडिया ने मुलाकात की
भारतीय दल ने संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। भारतीय दल का उद्देश्य जैश के मुखौटा आतंकवादी संगठन टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करवाना और उस पर प्रतिबंध लगवाना है।
भारत ने किससे संपर्क किया
सूत्रों का कहना है कि भारत ने टीआरएफ को सीमा पार आतंकवाद से जोड़ने वाले सबूतों के साथ संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति से संपर्क किया है। मई और नवंबर 2024 के बाद यह तीसरी बार है जब भारत ने समिति से संपर्क किया है।
टीआरएफ ने क्यों यूटर्न लिया
दरअसल, टीआरएफ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तान समर्थित संगठन है। इसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पहले ली थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। हालांकि, बाद में डर के मारे इसने अपने कदम पीछे खींच लिए। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आतंकी संगठन टीआरएफ ने सीमा पार अपने आकाओं के निर्देश पर हमले की जिम्मेदारी वापस ले ली।
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