भारत को चीन का टैरिफ मामले में मिला साथ, अमेरिकी टैरिफ का चीन ने किया विरोध
दिल्ली में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने SCO शिखर सम्मेलन से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका ने चीन पर 50% टैरिफ लगाया है और चीन इसका विरोध करता है।
अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ रूस द्वारा भारत के समर्थन में आवाज उठाने के एक दिन बाद, चीन ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। चीन ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ का विरोध करके भारत के प्रति समर्थन जताया। दिल्ली में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने SCO शिखर सम्मेलन से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका ने चीन पर 50% टैरिफ लगाया है और चीन इसका विरोध करता है।
उन्होंने कहा कि चुप्पी गुंडों को मजबूत करती है। चीन इस मामले में भारत के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि हम चीनी बाजार में भारतीय वस्तुओं का स्वागत करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत के पास IT, सॉफ्टवेयर, बायोमेडिसिन में अत्याधुनिक तकनीक है। जबकि चीन इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण, बुनियादी ढांचे और निर्माण में आगे है। अगर ये 2 बड़ी बाजार ताकतें एक साथ आती हैं, तो परिणाम बड़े होंगे।
दोनों देशों के बीच संबंधों में प्रगति
चीनी राजदूत ने कहा कि हाल ही में दोनों देशों के बीच संबंधों में प्रगति हुई है। उन्होंने कैलाश मानसरोवर की बहाली और चीनी पर्यटकों के लिए भारत द्वारा वीजा की अनुमति का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि टैरिफ युद्ध और व्यापार युद्ध वैश्विक आर्थिक और व्यापार व्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर ड्रैगन-हाथी की जोड़ी में एक नया अध्याय शुरू कर सकते हैं। फ़ेहोंग ने कहा कि चीन और भारत सीधी उड़ानें बहाल करने पर भी काम कर रहे हैं।
चीन, भारत के साथ जीवन के उन सभी पहलुओं पर काम करने को तैयार है जिनसे दोनों देशों के लोगों को लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को मिलकर रणनीतिक आपसी विश्वास को मज़बूत करना चाहिए। भारत और चीन एशिया की अर्थव्यवस्था के इंजन हैं, जिनके संबंध पूरी दुनिया के लिए फ़ायदेमंद हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपनी शंकाओं को दूर करना चाहिए और दोनों एक-दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि साझेदार हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश स्वतंत्र विदेश नीतियों का पालन करते रहे हैं।
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