जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से मची तबाही, 30 से ज्यादा की मौत, कई लापता
देशभर में हो रही भारी बारिश और बाढ़ से आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल के शिमला में बादल फटने की घटना के बाद अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस हादसे में अब तक 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकी 100 लापता बताए जा रहे हैं
देशभर में हो रही भारी बारिश और बाढ़ से आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल के शिमला में बादल फटने की घटना के बाद अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस हादसे में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, जिस स्थान पर यह घटना हुई, वहां लंगर का आयोजन चल रहा था। अचानक बादल फटते ही तेज़ पानी के साथ मलबा बहता हुआ आया, जिसने वहां मौजूद लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। फिलहाल घटना के सही कारणों का पता नहीं चल सका है।
बचाव कार्य में जुटी टीमें
घटना की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंच गईं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि सिविल प्रशासन, पुलिस, सेना, NDRF और SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक सहयोग और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मौसम अनुकूल होने पर गंभीर घायलों को हेलीकॉप्टर से अन्य अस्पतालों में भेजने की भी तैयारी है।
उपराज्यपाल ने जताया शोक
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने हादसे पर गहरी संवेदना जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संदेश दिया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही, अधिकारियों को बचाव अभियान तेज करने और प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
हालात बेहद चुनौतीपूर्ण
लगातार हो रही भारी बारिश के कारण इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और कई जगहों पर सड़कों का संपर्क टूट गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्थानीय जिला उपायुक्त से बात कर हालात की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि घटना स्थल तक पहुंचना बेहद मुश्किल है।
इससे पहले, देश के कई हिस्सों में रुक-रुककर हो रही बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश के शिमला में भी बादल फटने की घटना सामने आई थी। अब किश्तवाड़ का यह हादसा फिर से प्राकृतिक आपदाओं की भयावह तस्वीर पेश कर रहा है।यह घटना न केवल प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और समय पर राहत कार्य की अहमियत को भी रेखांकित करती है
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