गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर CM ने प्रदेश के किसानों को दिया तोहफा
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए खरीफ-2024 के दौरान प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण राज्य में उत्पादित की जा रही कृषि एवं बागवानी फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस देने का फैसला किया।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : प्रथम पातशाह श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के किसानों को तोहफा देते हुए एक क्लिक से 2 लाख 62 हज़ार किसानों के बैंक खातों में 300 करोड़ रुपये की बोनस राशि जारी की।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए खरीफ-2024 के दौरान प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण राज्य में उत्पादित की जा रही कृषि एवं बागवानी फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस देने का फैसला किया। मुख्यमंत्री द्वारा 16 अगस्त, 2024 को पहली किस्त की अदायगी के रूप में अब तक 496 करोड़ रुपये की बोनस राशि सीधे 5 लाख 80 हज़ार किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई थी। आज दूसरी किस्त के रूप में 300 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
उन्होंने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जिन किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया हुआ है, उन सभी किसानों को यह बोनस राशि दी जाएगी। कुल 1380 करोड़ रुपये की राशि किसानों को दी जानी है। अभी तक दो किस्तों में भुगतान किया जा चुका है। इसी कड़ी में तीसरी किस्त के रूप में शेष 4 लाख 94 हज़ार किसानों की बोनस राशि 580 करोड़ रुपये भी अगले 10 से 15 दिनों में डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में वितरित कर दी जाएगी।
किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का भी किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने आज किसानों के लिए एक और पहल करते हुए व्हाट्सएप के माध्यम से 40 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का भी शुभारंभ किया। इससे अब किसानों के मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जाएंगे। जैसे ही उसकी मिट्टी के नमूने के परीक्षण के परिणाम पोर्टल पर ऑनलाइन हो जाएंगे, मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के व्हाट्सएप नंबर पर पहुंच जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर 3 वर्ष के बाद मृदा की जांच करके किसानों को अपने खेतों में बीज की मात्रा, आवश्यक उर्वरकों का उपयोग जैसी जानकारियां दी जाती हैं, जिससे किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इन मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार खाद डालने के लिये प्रोत्साहित होंगे। साथ ही, समय पर वितरण से किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग बढ़ेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
उल्लेखनीय है कि मृदा उर्वरता मूल्यांकन का पहला विस्तृत अध्ययन हरियाणा में वर्ष 2021-22 के दौरान "प्रत्येक एकड़ कृषि भूमि के लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड"
प्रदान करने के लिये शुरू किया गया था। इस योजना में प्रदेश की एक-एक एकड़ कृषि भूमि का मृदा नमूना इकट्ठा करने के बाद उनका परीक्षण किया जा रहा है और किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा रहे हैं। ये मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को अधिकतम उपज और अधिकतम शुद्ध रिटर्न प्राप्त करने के लिए, किस फसल में कौन सा और कितना उर्वरक डालना है इत्यादि के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
ये मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों की आय बढ़ाने और इनपुट लागत को कम करने के लिए आवश्यक है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिश के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग नाइट्रोजन उर्वरक के अत्यधिक उपयोग को हतोत्साहित करेगा, इसलिए संतुलित पोषण को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, उर्वरक के अत्यधिक उपयोग को कम करने से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा में मदद मिलेगी।
हरियाणा राज्य में मिट्टी परीक्षण का एक विस्तृत नेटवर्क है, जहां किसानों के पास मिट्टी परीक्षण के लिए आसान पहुंच है। 20-25 किलोमीटर की परिधि में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की उपलब्धता है। राज्य में 106 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जहां मिट्टी के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। ये सभी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं नवीनतम उपकरणों से लैस हैं। विभाग ने इस कार्य के लिए अपना पोर्टल विकसित किया है, जहां मृदा स्वास्थ्य कार्ड के रूप में फसलों में उर्वरक डालने के लिए परामर्श तैयार किया जाता है।
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