तीनों सेनाओं ने एक साथ सिखाया पाकिस्तान को सबक

1971 के बाद यह पहला मौका था जब थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर संयुक्त हमला किया। भारत ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाकर आतंकवाद के नेटवर्क की कमर तोड़ दी।

May 10, 2025 - 20:06
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तीनों सेनाओं ने एक साथ सिखाया पाकिस्तान को सबक
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7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों पर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला किया। पहली बार थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर मुरीदके, बहावलपुर जैसे आतंकी गढ़ों को निशाना बनाया। इस हमले ने लश्कर और जैश जैसे संगठनों की कमर तोड़ दी।

1971 के बाद यह पहला मौका था जब थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर संयुक्त हमला किया। भारत ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाकर आतंकवाद के नेटवर्क की कमर तोड़ दी।

बहावलपुर और मुरिदके जैसे गढ़ तबाह

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पहली बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में घुसकर मुरीदके, बहावलपुर, सियालकोट जैसे अहम ठिकानों पर मिसाइल और हवाई हमले किए। ये वही इलाके हैं जहां आतंकी संगठनों के मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर हैं और जो सालों से भारत पर हमलों की साजिश रच रहे हैं।

सबसे गहरा और सबसे बड़ा प्रहार

पिछले पांच दशकों में पाकिस्तान की धरती पर भारत द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा और गहरा सैन्य अभियान था। इससे पहले 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने साफ कर दिया कि भारत अब सिर्फ चेतावनी नहीं देगा, बल्कि सीधी कार्रवाई करेगा।

इस ऑपरेशन में भारत ने पहली बार अपने अत्याधुनिक हथियारों का खुलकर प्रदर्शन किया, जिसमें स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हैमर स्मार्ट बम और लोइटरिंग म्यूनिशन (चलकर निशाना साधने वाले ड्रोन) शामिल थे। इन हथियारों ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को बेअसर साबित कर दिया।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 9 बड़े आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इन ठिकानों से हाफिज सईद, मसूद अजहर और अलकायदा जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों से जुड़ी आतंकी गतिविधियां संचालित की जा रही थीं। इन हमलों में दर्जनों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

आतंकियों की लीडरशिप को खत्म करने की रणनीति

पहली बार भारत ने न केवल आतंकी ठिकानों को बल्कि नेतृत्व स्तर के आतंकियों को भी निशाना बनाया। 2001 के संसद हमले, 26/11 मुंबई हमले और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंडों को खत्म करने पर केंद्रित यह हमला रणनीतिक रूप से बहुत निर्णायक था। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में किसी भी हद तक जा सकता है, चाहे वह दुश्मन की जमीन पर कितना भी अंदर क्यों न हो। यह पहली बार था जब किसी देश ने खुलेआम परमाणु शक्ति संपन्न देश के इतने अंदर सैन्य कार्रवाई की और सफल रहा।

PM मोदी का वादा हुआ पूरा

पहलगाम हमले में 25 भारतीयों और 1 नेपाली नागरिक की शहादत के बाद PM नरेंद्र मोदी ने देश से वादा किया था कि आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को सजा दी जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर उस वादे को पूरा करने का एक ऐतिहासिक उदाहरण बन गया। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ़ एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि एक नई रणनीति, नए आत्मविश्वास और भारत की नई सैन्य नीति का ऐलान है। अब भारत सिर्फ़ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति के साथ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर रहा है। इस ऑपरेशन को हमेशा याद रखा जाएगा।

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