भाजपा नेता दीपावली के दौरान पटाखे जलाने के लिए ‘बेतुके’ तर्क दे रहे: गोपाल राय

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े लोग दीपावली के दौरान पटाखे जलाने के समर्थन में ‘‘बेतुके’’ तर्क दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पटाखे जलाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण स्तर में अचानक बढ़ोतरी हुई है। राय ने इस बात पर भी जोर दिया कि दिल्ली सरकार खतरनाक प्रदूषण स्तर वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त जल छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।

पंजाब और हरियाणा में दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता खराब हुई

हरियाणा के कई हिस्सों में दिवाली के अगले दिन सोमवार को हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ रही जबकि पड़ोसी पंजाब के अधिकतर भागों में यह ‘खराब’ रही।

इन दोनों ही राज्यों में रविवार अपराह्न चार बजे औसत वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ या ‘मध्यम’ थी, लेकिन सोमवार को इसमें गिरावट के संकेत नजर आये।

सोमवार सुबह नौ बजे के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार, हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम के कुछ क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के ऊपर रहा।

फरीदाबाद में न्यू इंडस्ट्रियल टाउन में एक्यूआई 304, सेक्टर 16-ए में एक्यूआई 341 एवं वल्लभगढ़ में एक्यूआई 275 रहा। गुरुग्राम में सेक्टर 51 में एक्यूआई 351 और विकास सदन क्षेत्र में एक्यूआई 264 रहा।

आंकड़े के अनुसार, कैथल के ऋषिनगर में एक्यूआई 326 रहा जबकि यह आंकड़ा फतेहाबाद में 285, जींद में 270, कुरुक्षेत्र में 263 और पंचकूला में 183 दर्ज किया गया।

पंजाब के आंकड़े के मुताबिक, बठिंड का एक्यूआई 347 रहा जबकि अमृतसर का 257, जालंधर का 262, लुधियाना का 268, पटियाला का 240 और रूपनगर का 132 दर्ज किया।

इन दोनों राज्यों के प्रशासन ने दिवाली के लिए महज कुछ समय के लिए ‘हरित फटाखे’ जलाने की अनुमति दे रखी थी।

केंद्रशासित प्रदेश और इन दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ के सेक्टर 22 में एक्यूआई 239 और सेक्टर 53 में एक्यूआई 219 रहा।

एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

दिवाली के दिन चार बजे वायु गुणवत्ता अपेक्षाकृत काफी अच्छी थी। आंकड़े के अनुसार, रविवार को चंडीगढ़ में एक्यूआई 140, फरीदाबाद में 172, गुरुग्राम में 193, फतेहाबाद में 187, जींद में 160, कैथल में 152, करनाल में 120, कुरुक्षेत्र में 143, सोनीपत में 106, अमृतसर में 112, जालंधर में 138, लुधियाना में 79, पटियाला में 88, मंडी गोविंदगढ़ में 175 और रूपनगर में 128 दर्ज किया गया था।

वायु प्रदूषण: सीटीआई ने प्रधानमंत्री से दिल्ली, उप्र, पंजाब, हरियाणा सरकारों की आपात बैठक बुलाने को कहा

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में ‘गंभीर’ वायु प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारों की आपात बैठक बुलाएं। उद्योग निकाय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 27 अक्टूबर से तीन नवंबर के बीच दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 अंक से अधिक बढ़ गया, जो शुक्रवार को ‘गंभीर से अधिक’ की श्रेणी (450 से ऊपर) में पहुंच गया।

सीटीआई के चेयरपर्सन ब्रजेश गोयल ने कहा कि त्योहारी सत्र के बावजूद प्रदूषण के कारण कारोबार में गिरावट आ रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह सभी सरकारों के साथ मिलकर वायु प्रदूषण के खिलाफ सख्त और ठोस कदम उठाए, नहीं तो कारोबार को नुकसान होगा।’

गोयल ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में है। प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को प्रभावित करती है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान अकेले दिल्ली सरकार के हाथ में नहीं है और जब तक हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब की सरकारें मिलकर काम नहीं करेंगी, प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा, ‘सीटीआई ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर एक आपात बैठक बुलाने की मांग की है, जिसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री शामिल हों।’

उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में प्रतिदिन तीन से चार लाख लोग खरीदारी के लिए आते थे, लेकिन प्रदूषण के कारण उनकी संख्या घटकर एक लाख रह गयी है।

दिल्ली के कई भागों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई

राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सोमवार को वायु प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया, जबकि शहर में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार तीसरे दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। मौसम निगरानी एजेंसियों ने यह जानकारी दी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शहर का 24 घंटे का औसत एक्यूआई शाम चार बजे 347 दर्ज किया गया, जो रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 से खराब स्थिति में रहा। एक्यूआई बृहस्पतिवार को 256, बुधवार को 243 और मंगलवार को 220 था।

शहर के रोहिणी में एक्यूआई 406, वजीरपुर में 416 और मुंडका में 414 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी के तहत आता है।

वहीं, पड़ोसी शहर गाजियाबाद में एक्यूआई 272, फरीदाबाद में 300, गुरुग्राम में 203, नोएडा में 303 और ग्रेटर नोएडा में 336 था।

एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

हवा की गति धीमी होने और तापमान में गिरावट के कारण शनिवार को शहर की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई।

दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, हवा की गुणवत्ता कुछ और दिनों तक ‘बहुत खराब’ रहने की संभावना है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केन्द्र से रविवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में खराब गुणवत्ता वाले डीजल से संचालित हो रही बसों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, एक नवंबर से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों और कस्बों के बीच केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस6-श्रेणी अनुरूप डीजल बसों को ही संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को सुबह वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ लेकिन यह अभी भी खराब श्रेणी में है। वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ने यह जानकारी दी।

एजेंसी के मुताबिक, शहर का औसत ‘वायु गुणवत्ता सूचकांक’ (एक्यूआई) सोमवार शाम चार बजे 263 था, जो आज दोपहर 12 बजे 220 पर पहुंच गया।

शहर में हवा की गुणवत्ता मई के बाद पहली बार रविवार को “बहुत खराब” हो गई थी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा 13 सर्वाधिक प्रदूषण वाले स्थानों के अलावा आठ और ऐसी जगहों की पहचान की गई है और प्रदूषण स्रोतों की जांच के लिए वहां विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।

राय ने कहा कि सरकार ने शहर में धूल प्रदूषण को रोकने के लिए रासायनिक पाउडर का उपयोग करने का भी निर्णय लिया गया है। पाउडर में धूल दबाने वाले कैल्शियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड, लिग्नोसल्फोनेट्स और विभिन्न पॉलीमर जैसे रासायनिक तत्व शामिल हो सकते हैं, जो महीन धूल कणों को भारी कर हवा में फैलने से रोकती है।

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार 26 अक्टूबर को वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए फिर से एक अभियान शुरू करेगी।

दिल्ली पर्यावरण विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस साल “रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ” अभियान के लिए उपराज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।