दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को सुबह वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ लेकिन यह अभी भी खराब श्रेणी में है। वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ने यह जानकारी दी।

एजेंसी के मुताबिक, शहर का औसत ‘वायु गुणवत्ता सूचकांक’ (एक्यूआई) सोमवार शाम चार बजे 263 था, जो आज दोपहर 12 बजे 220 पर पहुंच गया।

शहर में हवा की गुणवत्ता मई के बाद पहली बार रविवार को “बहुत खराब” हो गई थी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा 13 सर्वाधिक प्रदूषण वाले स्थानों के अलावा आठ और ऐसी जगहों की पहचान की गई है और प्रदूषण स्रोतों की जांच के लिए वहां विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।

राय ने कहा कि सरकार ने शहर में धूल प्रदूषण को रोकने के लिए रासायनिक पाउडर का उपयोग करने का भी निर्णय लिया गया है। पाउडर में धूल दबाने वाले कैल्शियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड, लिग्नोसल्फोनेट्स और विभिन्न पॉलीमर जैसे रासायनिक तत्व शामिल हो सकते हैं, जो महीन धूल कणों को भारी कर हवा में फैलने से रोकती है।

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार 26 अक्टूबर को वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए फिर से एक अभियान शुरू करेगी।

दिल्ली पर्यावरण विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस साल “रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ” अभियान के लिए उपराज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

दिल्ली प्रदूषण : धूल रोधी मानदंडों का उल्लंघन करने पर एनबीसीसी के खिलाफ नोटिस

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को एक परियोजना स्थल पर धूल नियंत्रण मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली निर्माण कंपनी एनबीसीसी इंडिया को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।

दिल्ली सरकार के धूल-रोधी अभियान के तहत गोपाल राय ने मंगलवार को कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन के पास एनबीसीसी निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और पाया कि निर्माण अपशिष्ट को खुले में ही फेंका जा रहा था और ‘एंटी-स्मॉग गन’ काम नहीं कर रहे थे।

पर्यावरण मंत्री ने डीपीसीसी को फर्म को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया और कहा कि यदि उल्लंघनकर्ता 24 घंटे के भीतर संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।

गोपाल राय ने शनिवार को राजधानी में धूल प्रदूषण को रोकने के लिए एक महीने तक चलने वाला अभियान शुरू किया और कहा कि प्रासंगिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

धूल-रोधी अभियान में 500 वर्ग मीटर से अधिक के सभी स्थलों पर धूल नियंत्रण उपकरण की स्थापना जैसे उपाय शामिल हैं तथा एक वेब पोर्टल के माध्यम से वास्तविक समय की निगरानी उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि धूल-कण नियंत्रण नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 591 टीम गठित की गयी हैं, 530 ‘वाटर स्प्रिंकलर’ (जल छिड़काव मशीनों) की मदद ली जा रही है तथा 258 धूल-कण रोधी सचल उपकरणों की भी सेवा ली जा रही है।

राय ने कहा कि दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 स्थानों के लिए अलग-अलग एवं विशिष्ट कार्ययोजनाएं तैयार की गयी हैं और उसके लिए 40 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के वायु गुणवत्ता आंकड़ों को आधार बनाया गया है।

दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए सितंबर में 15 सूत्री कार्ययोजना शुरू की थी जिसमें धूलकण प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन और खुले में कचरा जलाने की समस्याओं के समाधान पर बल दिया गया है।

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