पंजाब सरकार पराली जलाने के मामलों को लेकर सख्त, फिरोजपुर में पुलिस की टीमें खेतों में गश्त कर रही हैं

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच, उच्चतम न्यायालय ने 7 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फसल अवशेष जलाना “तत्काल” रोका जाए, यह कहते हुए कि वह प्रदूषण के कारण “लोगों को मरने” नहीं दे सकता।

पंजाब और हरियाणा में दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता खराब हुई

हरियाणा के कई हिस्सों में दिवाली के अगले दिन सोमवार को हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ रही जबकि पड़ोसी पंजाब के अधिकतर भागों में यह ‘खराब’ रही।

इन दोनों ही राज्यों में रविवार अपराह्न चार बजे औसत वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ या ‘मध्यम’ थी, लेकिन सोमवार को इसमें गिरावट के संकेत नजर आये।

सोमवार सुबह नौ बजे के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार, हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्राम के कुछ क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के ऊपर रहा।

फरीदाबाद में न्यू इंडस्ट्रियल टाउन में एक्यूआई 304, सेक्टर 16-ए में एक्यूआई 341 एवं वल्लभगढ़ में एक्यूआई 275 रहा। गुरुग्राम में सेक्टर 51 में एक्यूआई 351 और विकास सदन क्षेत्र में एक्यूआई 264 रहा।

आंकड़े के अनुसार, कैथल के ऋषिनगर में एक्यूआई 326 रहा जबकि यह आंकड़ा फतेहाबाद में 285, जींद में 270, कुरुक्षेत्र में 263 और पंचकूला में 183 दर्ज किया गया।

पंजाब के आंकड़े के मुताबिक, बठिंड का एक्यूआई 347 रहा जबकि अमृतसर का 257, जालंधर का 262, लुधियाना का 268, पटियाला का 240 और रूपनगर का 132 दर्ज किया।

इन दोनों राज्यों के प्रशासन ने दिवाली के लिए महज कुछ समय के लिए ‘हरित फटाखे’ जलाने की अनुमति दे रखी थी।

केंद्रशासित प्रदेश और इन दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ के सेक्टर 22 में एक्यूआई 239 और सेक्टर 53 में एक्यूआई 219 रहा।

एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

दिवाली के दिन चार बजे वायु गुणवत्ता अपेक्षाकृत काफी अच्छी थी। आंकड़े के अनुसार, रविवार को चंडीगढ़ में एक्यूआई 140, फरीदाबाद में 172, गुरुग्राम में 193, फतेहाबाद में 187, जींद में 160, कैथल में 152, करनाल में 120, कुरुक्षेत्र में 143, सोनीपत में 106, अमृतसर में 112, जालंधर में 138, लुधियाना में 79, पटियाला में 88, मंडी गोविंदगढ़ में 175 और रूपनगर में 128 दर्ज किया गया था।