दिल्ली में फरवरी माह में वायु गुणवत्ता पिछले नौ साल में सबसे अच्छी रही और इस दौरान अधिकतर दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से नीचे रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यह जानकारी दी।
दिल्ली में फरवरी माह में वायु गुणवत्ता पिछले नौ साल में सबसे अच्छी रही और इस दौरान अधिकतर दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से नीचे रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यह जानकारी दी।
मौसम विभाग ने बुधवार को आसमान साफ रहने और सुबह धुंध छाई रहने का पूर्वानुमान जताया है। वहीं न्यूनतम और अधिकतम तापमान आठ और 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद ‘जीआरएपी’ के तीसरे चरण को वापस ले लिया गया है और फलस्वरूप बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर पाबंदी अगले आदेश तक के लिए तत्काल प्रभाव से हटा ली गई है।
बारिश के कारण तापमान में गिरावट के साथ प्रदूषण स्तर में सुधार की उम्मीद है। संस्थान के मुताबिक रविवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही। सोमवार को भी स्थिति में ज्यादा सुधार की संभावना नहीं है। आशंका की जा रही है कि दिल्ली में अलग छह दिनों तक प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में रहने की आशंका है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कहा कि लोगों को सतर्क रहना चाहिए और प्रदूषण नियंत्रण उपायों का पालन करना चाहिए।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि दिवाली से ठीक पहले बारिश और अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता में जो सुधार हुआ था, लोगों द्वारा पटाखे फोड़ने से उस पर असर पड़ा है।
इस सप्ताह के प्रारंभ में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि यदि एक्यूआई 450 के पार चला जाता है तो सम-विषम योजना को लागू किया जा सकता है। वर्ष 2016 से यह योजना चार बार लागू की जा चुकी है। पिछली बार 2019 में यह योजना लागू की गयी थी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर ‘गंभीर प्लस’ माना जाता है।