Haryana : बन सकते हैं 11 नए जिले! कैबिनेट सब-कमेटी ने CM को भेजी रिपोर्ट

हरियाणा में नए जिलों के गठन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में 11 जगहों असंध, नारायणगढ़, मानेसर, पटौदी, पिहोवा, हांसी, बरवाला, सफीदों, गोहाना और डबवाली पर नया जिला बनाने पर विस्तृत चर्चा की गई।

Dec 9, 2025 - 17:53
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Haryana : बन सकते हैं 11 नए जिले! कैबिनेट सब-कमेटी ने CM को भेजी रिपोर्ट

हरियाणा में नए जिलों के गठन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में 11 जगहों  असंध, नारायणगढ़, मानेसर, पटौदी, पिहोवा, हांसी, बरवाला, सफीदों, गोहाना और डबवाली पर नया जिला बनाने पर विस्तृत चर्चा की गई। कमेटी ने अब तक आए 62 प्रस्तावों की जांच-पड़ताल पूरी कर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सौंप दी है।

जनगणना से पहले जरूरी है फैसला

राज्य सरकार को 31 दिसंबर 2025 से पहले फैसला लेना होगा, क्योंकि उसके बाद नई जनगणना प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जनगणना से पहले जिले या प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव करने की यही आखिरी समय-सीमा है।

कमेटी की बैठक में क्या हुआ?

बैठक चंडीगढ़ में यूएलबी मंत्री विपुल गोयल के आवास पर हुई, जिसकी अध्यक्षता कमेटी चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार ने की। इसमें कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा और वरिष्ठ IAS अधिकारी सुमिता मिश्रा भी मौजूद रहीं। कमेटी ने एक-एक प्रस्ताव पर बारीकी से चर्चा कर नए जिलों, उप-मंडलों और तहसीलों के लिए एक समग्र रिपोर्ट तैयार की है।

11 जिलों के साथ सब-डिवीजन पर भी चर्चा

बैठक में सिर्फ नए जिलों पर ही नहीं, बल्कि संभावित सब-डिवीजन, तहसील और उप-तहसीलों के गठन पर भी विचार किया गया, ताकि भविष्य में प्रशासनिक ढांचा संतुलित और प्रभावी रह सके।

हांसी और डबवाली पर विशेष ध्यान

हांसी और डबवाली पहले से ही पुलिस जिला घोषित हैं। ऐसे में दोनों को पूर्ण जिले के रूप में अपग्रेड करने की रिपोर्ट अलग से तैयार की जा रही है। कमेटी ने इन इलाकों की जनसंख्या, भौगोलिक विस्तार और प्रशासनिक बोझ को भी ध्यान में रखा है।

नए जिलों के लिए तय किए गए मानक

हरियाणा सरकार ने नए जिलों के गठन के लिए कुछ मुख्य मानक तय किए हैं 125 से 200 गांवों का प्रशासनिक दायरा, 4 लाख से अधिक आबादी और कम से कम 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल।

कैसे बनता है नया जिला ?

किसी भी नए जिले का गठन एक बहु-स्तरीय प्रशासनिक प्रक्रिया से गुजरता है। सबसे पहले स्थानीय प्रशासन या निर्वाचित प्रतिनिधि प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजते हैं। राज्य सरकार व्यवहार्यता अध्ययन कराती है।  जिसमें जनसंख्या घनत्व, भौगोलिक सीमाएं, संसाधन, परिवहन, और प्रशासनिक सुविधा जैसे पहलुओं का विश्लेषण किया जाता है। अगर प्रस्ताव उचित पाया जाता है, तो सरकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों से परामर्श करती है। सहमति बनने पर राज्यपाल की स्वीकृति के साथ आधिकारिक अधिसूचना जारी होती है, जिसमें जिले की सीमाएं तय की जाती हैं। इसके बाद DM और SP की नियुक्ति कर प्रशासनिक ढांचा स्थापित किया जाता है। इसके बाद फिर कार्यालय, थाने, स्कूल, अस्पताल और अन्य सुविधाएं शुरू की जाती हैं।

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