विधानसभा चुनाव में बेटे की हार से दुखी पिता की मौत, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार

हरियाणा में शनिवार को बीएसपी के राज्य उपाध्यक्ष और पानीपत राजपूत सभा के अध्यक्ष नरेंद्र राणा का निधन हो गया। उनके बेटे गोपाल राणा ने बसपा-इनेलो की गठबंधन की टिकट पर असंध विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें यहा से हार का सामना करना पड़ा था। उनकी इस हार के बाद पिता नरेंद्र राणा की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

Oct 13, 2024 - 13:25
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विधानसभा चुनाव में बेटे की हार से दुखी पिता की मौत, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
विधानसभा चुनाव में बेटे की हार से दुखी पिता की मौत, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
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चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

हरियाणा में शनिवार को बीएसपी के राज्य उपाध्यक्ष और पानीपत राजपूत सभा के अध्यक्ष नरेंद्र राणा का निधन हो गया। उनके बेटे गोपाल राणा ने बसपा-इनेलो की गठबंधन की टिकट पर असंध विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें यहा से हार का सामना करना पड़ा था। उनकी इस हार के बाद पिता नरेंद्र राणा की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वह अपने बेटे गोपाल राणा के समर्थन में जनता से वोट की अपील करते नजर आए थे। बता दें कि नरेंद्र राणा कई महीनों से बीमार थे, लेकिन प्रचार के दौरान उस समय उनकी तबीयत में सुधार आया था। वहीं, हार के बाद पिता के निधन पर गोपाल राणा ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि अगर मैं विधानसभा चुनाव में जीत जाता, तो शायद आज मेरे पिता ठीक होते।

राज्य उपाध्यक्ष का अंतिम संस्कार आज रविवार सुबह 9 बजे उनके पैतृक गांव ददलाना में किया गया। उनके निधन पर राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ-साथ उनके चाहने वाले अपना दुख जताते हुए उनके अंतिम यात्रा में शामिल हुए। नरेंद्र राणा के सबसे करीबी रह चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नैनपाल राणा ने उनके निधन पर कहा कि नरेंद्र राणा के निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है। नरेंद्र राणा बहुत मेहनती थे और समाज सेवा में हमेशा आगे रहते थे।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र 2005 में ददलाना गांव के सरपंच बने थे। उनके कार्यकाल में गांव में स्टेडियम, सीएचसी, पशु अस्पताल, बिजली घर, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सड़कें, गलियां और नालियां का निर्माण किया गया था और गांव के विकास में उनका सबसे बड़ा योगदान रहा है। वह साल 2009 में कांग्रेस में सक्रिय कार्यकर्ताओं में से एक थे और साथ ही रिफाइनरी में ठेकेदार थे। उन्होंने इस रिफाइनरी में हजारों युवाओं को रोजगार भी दिलाया था।

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