क्यों मनाया जाता है क्रिसमस ? जानिए इसकी शुरुआत, इतिहास और परंपरा...
आज के समय में क्रिसमस रोशनी, सजावट, केक, गिफ्ट और छुट्टियों का त्योहार बनकर रह चुका है।
आज के समय में क्रिसमस रोशनी, सजावट, केक, गिफ्ट और छुट्टियों का त्योहार बनकर रह चुका है। लेकिन असल में यह केवल जश्न का दिन नहीं है, बल्कि क्रिसमस प्रेम, करुणा, क्षमा और मानवता के संदेश का पर्व है। यह ईसा मसीह के जन्म की याद में मनाया जाता है।
क्यों मनाते हैं क्रिसमस ?
क्रिसमस ईसाई धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह ईसा मसीह के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। ईसाई मान्यता के अनुसार, ईसा मसीह का जन्म बेथलेहेम में हुआ था। उन्हें ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता माना जाता है।
ईसा मसीह ने लोगों को प्रेम करना, एक-दूसरे को माफ करना और जरूरतमंदों की मदद करना सिखाया। इन्हीं संदेशों को याद करने के लिए हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है।
25 दिसंबर को ही क्रिसमस क्यों मनाया जाता है ?
बाइबिल में कहीं भी ईसा मसीह की सही जन्मतिथि नहीं लिखी है। इतिहासकारों के अनुसार, रोमन साम्राज्य में 25 दिसंबर को सूर्य देव का पर्व मनाया जाता था। यह दिन सर्दियों के सबसे लंबे अंधकार के बाद प्रकाश के लौटने का प्रतीक था।
चौथी शताब्दी में जब ईसाई धर्म फैला, तब चर्च ने 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मान लिया। इसका अर्थ था – अंधकार के बाद प्रकाश। यही क्रिसमस का मूल संदेश है।
पहली बार क्रिसमस कब मनाया गया ?
क्रिसमस का पहला लिखित उल्लेख 336 ईस्वी में रोम में मिलता है। चौथी शताब्दी में वहां पहली बार इसे आधिकारिक रूप से मनाया गया। इसके बाद यह पर्व पूरे यूरोप और फिर दुनिया के अन्य देशों में फैल गया। 1836 में अमेरिका में क्रिसमस को सरकारी छुट्टी घोषित किया गया। भारत में क्रिसमस पुर्तगाली और ब्रिटिश मिशनरियों के साथ आया। सबसे पहले गोवा, केरल और पूर्वोत्तर भारत में इसे मनाया गया।
क्रिसमस ट्री, सांता और कैरोल्स की परंपरा क्या है ?
क्रिसमस ट्री: इसकी शुरुआत जर्मनी से हुई। हरा और सदाबहार पेड़ जीवन, उम्मीद और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। वहीं अगर बात कैरोल्स की करें तो ईसा मसीह के जन्म की खुशी में गाए जाने वाले गीतों को कैरोल्स कहते हैं। लोग घर-घर जाकर ये गीत गाते हैं।
सांता क्लॉज और गिफ्ट्स की परंपरा भी काफी अलग है, संत निकोलस गरीब बच्चों को गुपचुप तोहफे दिया करते थे। उन्हीं से सांता क्लॉज और उपहार देने की परंपरा शुरू हुई। वहीं आपको बता दें कि क्रिसमस केवल सजावट और तोहफों का त्योहार नहीं है। यह प्रेम बांटने, दूसरों की मदद करने और इंसानियत को अपनाने का संदेश देता है। यही कारण है कि क्रिसमस दुनिया भर में खुशी और भाईचारे के साथ मनाया जाता है।
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