कनाडा सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, पंजाबियों पर गिरी गाज, कनाडा में बसने का सपना टूटा
आपको बता दें कि कनाडा सरकार ने 10 साल का विजिटर वीजा देने में बदलाव किया है। इसके बंद होने से अब लोगों को सिर्फ एक महीने का विजिटर वीजा मिलेगा और एक महीने बाद उन्हें कनाडा लौटना होगा।
साल 2023 में 12 लाख विजिटर विजा को किया गया था जारी
कनाडा वीजा विशेषज्ञ सुखविंदर नंदरा और दविंदर कुमार ने बताया कि 10 साल की विजिटर वीजा का समय समाप्त होने पर पंजाबियों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा। साल 2023 की बात करें तो 12 लाख वीजा मिले, जिनमें से 55 प्रतिशत पंजाबी थे। वर्ष 2021 में करीब 2.37 लाख विजिटर वीजा भारतीयों को जारी किए गए। लेकिन 2022 में यह संख्या बढ़कर 11 लाख हो गई। हर साल की बात करें तो पंजाब को 6 से 7 लाख लोगों को विजिटर वीजा मिलता है।
पंजाबी रखते थे कनाडा का वीजा
कई पंजाबी अपने पासपोर्ट पर कनाडा का वीजा रखते थे। इसके साथ ही वे USA के वीजा के लिए अप्लाई करते थे। कनाडा का वीजा होने से USA का वीजा जल्दी मिलने के चांस रहते हैं। कई लोग कनाडा से USA का वीजा अप्लाई करने के लिए अप्वाइंटमेंट लेते थे।
अप्वाइंटमेंट मिलने के बाद वीजा की तिथि मिल जाती थी। वीजा लगभग मिल ही जाता था। USA का वीजा मिलने के बाद कई पंजाबी वापस लौटने की बजाय USA में ही काम करने लगे हैं। वर्क परमिट और विजिटर वीजा पर कनाडा गए पंजाबी USA वीजा लेकर काम कर रहे हैं।
घर बसाने पर पंजाबियों का सपना टूटने की कगार पर
कनाडा सरकार 10 साल के लिए वीजा देती थी। अगर कोई व्यक्ति विजिटर वीजा पर कनाडा गया है तो उसे छह महीने से पहले भारत लौटना पड़ता था। वह 2-3 महीने भारत में रहकर टिकट लेकर वापस कनाडा जा सकता था। विजिटर वीजा के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को कारण बताना पड़ता था। आपको बता दें कि अगर किसी का बच्चा स्टडी वीजा के लिए कनाडा गया है। अगर उक्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज का दीक्षांत समारोह है तो बच्चा अपने माता-पिता को बुला सकता है। भारत में बैठे माता-पिता को विजिटर वीजा के लिए आवेदन करना पड़ता है। वीजा के लिए आवेदन करने के लिए कनाडाई दूतावास को कोई कारण बताना पड़ता था। जिसके आधार पर वीजा पर मुहर लगती है। अब कनाडा सरकार 10 साल के बजाय वीजा आवेदन के दौरान बताए गए कारण को देखकर वीजा जारी कर सकती है।
विजिटर वीजा को वर्क परमिट में बदला गया
पंजाबी 10 साल का कनाडा का वीजा लेकर विजिटर वीजा को वर्क परमिट में बदल लेते थे। विजिटर वीजा पर कनाडा में कहीं भी काम नहीं कर सकते। काम करते पकड़े जाने पर काम करवाने वाले पर जुर्माना लगता है और काम करवाने वाले को देश से निकाल दिया जाता है। नकद काम में भी उन्हें कम डॉलर मिलते थे। इस कारण पंजाबी विजिटर वीजा को वर्क परमिट में बदलवाकर एक साल बाद पीआर के लिए आवेदन कर देते थे, ताकि उन्हें पूरा वेतन मिल सके।
चुनावी राजनीति को लेकर किए जा रहे हैं बदलाव
कनाडा में बसे पंजाबियों का कहना है कि चुनावी माहौल को देखते हुए ये फैसले लिए जा रहे हैं। नए नियम बनाए जा रहे हैं। भारतीयों की संख्या ज्यादा होने के कारण काम नहीं मिल रहा है। मकान का किराया ज्यादा है। जिससे पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
विजिटर वीजा पर गए लोग कम डॉलर में करते थे काम
अगर चार-पांच साल पहले की बात करें तो विजिटर वीजा पर गए लोग कम डॉलर में कनाडा में काम करते थे। कनाडा के लोगों को काम मिलना मुश्किल हो गया था। शायद यही वजह है कि कनाडा सरकार ने विजिटर वीजा पर काम करने पर रोक लगा दी है। वीजा पर दस साल की रोक पंजाबियों पर अतिरिक्त बोझ डालेगी। किसी के रिश्तेदार कनाडा के निवासी हैं। उनसे मिलने के लिए भारत में रहने वाले रिश्तेदारों को बार-बार वीजा के लिए आवेदन करना पड़ेगा। वीजा इमिग्रेशन फीस देनी होगी। अगर आप ट्रैवल एजेंट के पास जाते हैं तो वीजा एप्लीकेशन फाइल चार्ज के तौर पर 50 से 60 हजार रुपए देने होंगे।
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