तिब्बत में भूकंप से मची तबाही, मृतकों की संख्या बढ़कर 126 हुई.. मलबे में दबा शहर
तिब्बत के शिगाज़े क्षेत्र में मंगलवार सुबह 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने तिब्बत और पड़ोसी देशों को हिला कर रख दिया। इस भूकंप में 126 लोगों की मौत हो गई और 188 लोग घायल हुए हैं।
तिब्बत के शिगाज़े क्षेत्र में मंगलवार सुबह 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने तिब्बत और पड़ोसी देशों को हिला कर रख दिया। इस भूकंप में 126 लोगों की मौत हो गई और 188 लोग घायल हुए हैं। भूकंप का प्रभाव नेपाल और भारत में भी महसूस किया गया, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकलने पर मजबूर हो गए।
भूकंप के झटकों से तिब्बत और नेपाल प्रभावित
भूकंप का केंद्र शिगाज़े के डिंगरी काउंटी के सोगो कस्बे में था। इस क्षेत्र में 27 गांव हैं और लगभग 6,900 लोग रहते हैं। भूकंप का झटका इतना तेज़ था कि इसके बाद 9 घंटे में 100 से अधिक छोटे-बड़े झटके महसूस किए गए। नेपाल के काठमांडू समेत कई जिलों में भी भूकंप के प्रभाव के कारण लोग घरों से बाहर आ गए।
भूकंप के कारण हुई तबाही
भूकंप ने कई इमारतों को नष्ट कर दिया। सरकारी टेलीविजन पर दिखाए गए दृश्यों में बच्चों समेत लोगों को मलबे से निकालते हुए देखा गया। भूकंप प्रभावित इलाकों में 3,400 से अधिक बचाव कर्मी और 340 चिकित्साकर्मी तैनात किए गए हैं। चीनी अधिकारियों ने बताया कि अब तक 126 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
नेपाल और भारत में भूकंप का प्रभाव
नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में लोग घरों से बाहर आ गए। हालांकि नेपाल में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन भूकंप का असर काभ्रेपलान्चोक, सिंधुपालचोक, धाडिंग और सोलुखुंबु जिलों में महसूस किया गया।
भारत के बिहार राज्य में भी हल्के झटके महसूस किए गए, लेकिन किसी प्रकार की हानि की सूचना नहीं है।
चीन के बचाव और राहत प्रयास
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावित लोगों के पुनर्वास और द्वितीयक आपदाओं को रोकने के लिए सतर्कता बरतने को कहा।
चीन ने माउंट एवरेस्ट के पास स्थित पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया है और पर्यटकों को सुरक्षित निकालने का दावा किया है।
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