5वीं और 8वीं की परीक्षा में फेल होंगे छात्र ! शिक्षा मंत्रालय ने बदले स्कूलों के नियम
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों के लिए एक अहम बदलाव किया है, जिसके तहत 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों को अब फेल किया जा सकता है।
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों के लिए एक अहम बदलाव किया है, जिसके तहत 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों को अब फेल किया जा सकता है। इससे पहले, 'नो डिटेंशन पॉलिसी' के तहत छात्रों को 8वीं कक्षा तक बिना फेल किए अगली कक्षा में भेजा जाता था। नए नियम के अनुसार, अगर छात्र परीक्षा में आवश्यक न्यूनतम अंक नहीं प्राप्त करते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रहना होगा।
छात्रों पर बढ़ेगा शैक्षणिक दबाव
इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है, लेकिन इससे छात्रों पर शैक्षणिक दबाव भी बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति गंभीरता आएगी, लेकिन इसके साथ ही अतिरिक्त मानसिक तनाव की संभावना भी बढ़ेगी। शिक्षकों और अभिभावकों को इस बदलाव के साथ बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में काम करना होगा।
राज्यों को मिलेगा फैसला करने का अधिकार
इस नियम के तहत राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे इसे लागू करने का निर्णय स्वयं लें। राज्यों को अपनी शैक्षिक स्थिति और आवश्यकताओं के अनुसार इस नीति को लागू करने का विकल्प होगा। इसका मतलब यह है कि यह नियम सभी राज्यों में अनिवार्य रूप से लागू नहीं होगा।
शिक्षा मंत्रालय के इस कदम को लेकर शिक्षाविदों और अभिभावकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ इसे सही दिशा में कदम मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे छात्रों पर अनावश्यक दबाव बढ़ाने वाला निर्णय मान रहे हैं।
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