राव इंद्रजीत ने फिर जताई सीएम पद पर दावेदारी, 2014 में रामबिलास शर्मा के सीएम न बनाने पर कही बड़ी बात
कांग्रेस की तरह से ही भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई में भी मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी करने वाले नेताओं की कमी नहीं है। खासतौर पर केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह खुलकर कईं बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जता चुके हैं।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : कांग्रेस की तरह से ही भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई में भी मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी करने वाले नेताओं की कमी नहीं है। खासतौर पर केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह खुलकर कईं बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जता चुके हैं। विधानसभा के चुनावी समर में इस बार अटेली से राव की बेटी आरती राव चुनावी मैदान में है। ऐसे में महेंद्रगढ़ में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने पिर से मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई है।
इस क्षेत्र का सीएम बनना चाहिए - राव इंद्रजीत
बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव से ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह दक्षिणी हरियाणा में मुख्यमंत्री की चौधर लाने के लिए बार-बार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। महेंद्रगढ़ क्षेत्र के गांव दौंगड़ा अहीर में आयोजित एक चुनावी जनसभा के दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए मेरा भी नंबर आना चाहिए।
राव इंद्रजीत ने गांव दौंगड़ा अहीर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2013 में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद वर्ष 2014 में हुए चुनाव में प्रो. रामबिलास शर्मा की अध्यक्षता में क्षेत्र के लोगों ने भाजपा को पूर्ण बहुमत दिलाने में पूरा योगदान दिया था, इसलिए इस क्षेत्र का सीएम बनना चाहिए था। लेकिन, पार्टी ने किसी और को सीएम बना दिया। राव ने कहा कि वर्ष 2014 में वह पार्टी के लिए नए थे। भाजपा सभी को कसौटी पर परखती है। पंडित जी हमारे पुराने थे तो यह बात उनसे पूछनी चाहिए कि उस समय उनको मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया ? अब फिर से इस क्षेत्र के लोग भाजपा को सत्ता में लाने का काम करेंगे, इसलिए इस क्षेत्र के लोगों की आशा है कि कभी तो इस क्षेत्र का मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
चुनाव दक्षिणी हरियाणा के मान-सम्मान का चुनाव - इंद्रजीत
राव 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को अपने बयानों के माध्यम से बता चुके थे कि हरियाणा में सरकार बनने का रास्ता अहीरवाल से होकर गुजरता है। राव ने कहा कि यह चुनाव दक्षिणी हरियाणा के मान-सम्मान का चुनाव है। परिसीमन के जरिए हमारी राजनीतिक ताकत को कमजोर करने की साजिश रची गई, लेकिन हमारी एकजुटता ने सरकार बनाने और बिगाड़ने की ताकत हासिल कर ली है। जब इस क्षेत्र के लोग पार्टी को बनाने में अपना समर्थन देते हैं तो इस क्षेत्र का मुख्यमंत्री भी बनना चाहिए। शायद इस बार हमारा नंबर आ जाए।
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