पंजाब पुलिस ने प्रोटेक्टोरेट ऑफ इमिग्रेंट्स के साथ मिलकर अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ शुरू की कार्रवाई, 25 के खिलाफ मामला दर्ज
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार विदेश में बसने के इच्छुक युवाओं को अवैध ट्रैवल एजेंटों के जाल में फंसने से बचाने के लिए पंजाब पुलिस के एनआरआई मामले विंग और साइबर क्राइम विंग ने प्रोटेक्टोरेट ऑफ इमिग्रेंट्स, चंडीगढ़ के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर अवैध रूप से रोजगार के अवसरों का विज्ञापन करने के आरोप में राज्य में 25 ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार विदेश में बसने के इच्छुक युवाओं को अवैध ट्रैवल एजेंटों के जाल में फंसने से बचाने के लिए पंजाब पुलिस के एनआरआई मामले विंग और साइबर क्राइम विंग ने प्रोटेक्टोरेट ऑफ इमिग्रेंट्स, चंडीगढ़ के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर अवैध रूप से रोजगार के अवसरों का विज्ञापन करने के आरोप में राज्य में 25 ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
गौरतलब है कि प्रोटेक्टोरेट ऑफ इमिग्रेंट्स ने ऐसी बेईमान ट्रैवल एजेंसियों द्वारा विदेशों में नौकरियों के लिए इंस्टाग्राम और फेसबुक पर विज्ञापन देने पर रेड फ्लैग किया था। एडीजीपी एनआरआई मामले प्रवीण के सिन्हा ने बुधवार को बताया कि ये बेईमान ट्रैवल एजेंसियां बिना आवश्यक लाइसेंस और अनुमति के इंस्टाग्राम और फेसबुक पर विदेशों में नौकरियों का विज्ञापन कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि हमने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की जांच की, उनकी गोपनीय रूप से पहचान की और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के विभिन्न एनआरआई पुलिस स्टेशनों में उत्प्रवास अधिनियम की धारा 24/25 के तहत कुल 20 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें अमृतसर, जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर, लुधियाना, पटियाला, संगरूर और एसएएस नगर शामिल हैं।
एडीजीपी ने कहा कि इस अभियान में विशेष रूप से उन अवैध ट्रैवल एजेंटों को निशाना बनाया गया, जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देकर अनजान पीड़ितों, ज्यादातर युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने का वादा कर रहे थे और उनसे उनकी या उनके माता-पिता की मेहनत की कमाई हड़प रहे थे। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है।
एडीजीपी प्रवीण सिन्हा ने नागरिकों से सतर्क रहने और ट्रैवल एजेंटों को दस्तावेज और पैसे सौंपने से पहले उनकी पहचान की पुष्टि करने का आह्वान किया। उन्होंने सलाह दी कि केवल उत्प्रवास अधिनियम, 1983 के तहत वैध भर्ती एजेंट लाइसेंस वाली एजेंसियों को ही नियुक्त करें और हमेशा उक्त अधिनियम के तहत जारी एजेंसी का लाइसेंस मांगें। ट्रैवल एजेंटों को नियुक्त करते समय सत्यापन करें और फिर भरोसा करें, यही काम करने का सिद्धांत होना चाहिए।
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