पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने कोलकाता पीड़िता के माता-पिता के लिए की शीघ्र न्याय और 10 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की मांग

Aug 20, 2024 - 09:08
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पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने कोलकाता पीड़िता के माता-पिता के लिए की शीघ्र न्याय और 10 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की मांग
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने कोलकाता पीड़िता के माता-पिता के लिए की शीघ्र न्याय और 10 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की मांग

कोलकाता में हुए दिल दहलाने वाले बलात्कार और हत्या मामले के खिलाफ आंदोलन कर रहे डॉक्टर समुदाय के साथ मजबूती से खड़े होते हुए, पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार से पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता के लिए 10 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की मांग की। इसके अलावा पीड़िता के लिए शीघ्र न्याय और दोषियों को कड़ी सजा की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार से देश भर में चिकित्सा पेशेवरों पर हमले को रोकने के लिए एक कड़ा केंद्रीय कानून लाने का भी आग्रह किया।

इस दौरान डॉ. बलबीर सिंह के साथ सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, अमृतसर दक्षिण के विधायक डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर, बंगा के विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी, बाबा फरीद विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव सूद, सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, एमडी पीएसएचसी वरिंदर कुमार शर्मा और आईजीपी मुख्यालय डॉ. सुखचैन सिंह गिल भी शामिल थे। डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब भवन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।

उन्होंने आंदोलनकारी डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि वह चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हमले की रोकथाम के लिए केंद्रीय कानून लाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखेंगे। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार सभी डॉक्टरों, विशेष रूप से महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी राज्य स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा ऑडिट कराने के लिए जिला स्वास्थ्य बोर्ड गठित करें ताकि चिकित्सा पेशेवरों, विशेषकर महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रमुखों से कहा कि वे अपने संस्थानों में सुरक्षा और बुनियादी ढांचे से संबंधित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को 48 घंटे के भीतर लागू करें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी अंधेरा स्थान नहीं होना चाहिए तथा रात्रि पाली में कार्यरत महिला चिकित्साकर्मियों को जब भी दूर स्थित वार्डों में मरीजों को देखने जाना हो तो उनके साथ 2 पुरुष कर्मचारी अवश्य होने चाहिए। पंजाब सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवा समुदाय को पूर्ण समर्थन का आश्वासन देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने सभी डॉक्टरों से अपनी ड्यूटी पर लौटने का आग्रह किया, क्योंकि मरीजों, विशेषकर गरीबों की पीड़ा बेहद चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा समुदाय की न्याय की मांग का समर्थन कर रही है। सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने कहा कि महिला शिकायत प्रकोष्ठ को भी सक्रिय किया जाना चाहिए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशक डॉ. अवनीश कुमार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक डॉ. हितिंदर कौर, पंजाब आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सुनील कत्याल, पीसीएमएसए के अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन, मेडिकल एवं डेंटल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दर्शनजीत, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राम मेहर शर्मा (फरीदकोट), डॉ. शिवांशी (अमृतसर) और डॉ. अक्षय (पटियाला) और सरकारी मेडिकल कॉलेजों के निदेशक-सह-प्रिंसिपल डॉ. राजीव देवगन (अमृतसर), डॉ. राजन सिंगला (पटियाला) और डॉ. संजय गुप्ता (फरीदकोट) सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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