पंजाब सरकार की बड़ी उपलब्धि: टॉप्पन (जापान की पैकेजिंग कंपनी) करेगी ₹788 करोड़ का निवेश

टॉप्पन फिल्म्स ने अपनी नीति में महिला कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का वादा किया है। फैक्ट्री में क्रेच (शिशुगृह) की सुविधा होगी ताकि काम करने वाली माताएँ निश्चिंत होकर काम कर सकें।कई पदों पर महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।

Oct 11, 2025 - 20:17
Oct 11, 2025 - 20:18
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पंजाब सरकार की बड़ी उपलब्धि: टॉप्पन (जापान की पैकेजिंग कंपनी) करेगी ₹788 करोड़ का निवेश

नवांशहर ज़िले के एक छोटे से औद्योगिक क्षेत्र में आजकल कुछ अलग ही चहल-पहल है। यहाँ की सड़कों पर बड़ी-बड़ी मशीनें आ रही है, इंजीनियरों की टीमें काम में जुटी है, और स्थानीय युवाओं की आँखों में एक नई उम्मीद की चमक है। वजह है जापान की मशहूर कंपनी टॉप्पन फिल्म्स का यहाँ ₹788 करोड़ का विशाल निवेश।

यह कहानी सिर्फ एक निवेश की नहीं, बल्कि पंजाब के बदलते औद्योगिक परिदृश्य और सरकार की दूरदर्शी नीतियों की है।
टॉप्पन फिल्म्स जापान की एक विश्वप्रसिद्ध कंपनी है जो 1900 से भी पहले से काम कर रही है। यह कंपनी खाने-पीने के सामान, दवाइयों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए विशेष प्रकार की पैकेजिंग फिल्में बनाती है। इनकी खासियत यह है कि ये फिल्में बेहद पतली, मजबूत और पर्यावरण के अनुकूल होती है।

दुनिया भर में टॉप्पन की पैकेजिंग का इस्तेमाल बड़ी-बड़ी कंपनियाँ करती है। चाहे वो चॉकलेट का रैपर हो, दवाई की पट्टी हो, या मोबाइल फोन के पार्ट्स की पैकिंग - टॉप्पन की तकनीक हर जगह है।

पंजाब सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियाँ। सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) बनाए है जहाँ कंपनियों को कई तरह की छूट और सुविधाएँ मिलती है।टॉप्पन फिल्म्स पहले से ही नवांशहर में मैक्स स्पेशयलिटी फिल्म्स के साथ साझेदारी में काम कर रही है। अब इस ₹788 करोड़ के निवेश से वहाँ की फैक्ट्री का ज़बरदस्त विस्तार होगा।नई फैक्ट्री में अत्याधुनिक जापानी तकनीक से लैस मशीनें लगेंगी। यहाँ हर तरह की स्पेशयलिटी पैकेजिंग फिल्में बनेंगी - खाने के सामान के लिए बैरियर फिल्म, दवाइयों के लिए फार्मा-ग्रेड पैकेजिंग, और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एंटी-स्टैटिक फिल्में।

सबसे बड़ी बात यह है कि यहाँ बनने वाला माल सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी निर्यात होगा। ‘मेड इन पंजाब’ का ठप्पा लगी ये पैकेजिंग दुनिया भर में जाएगी।राजीव नवांशहर का रहने वाला है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसे दिल्ली या गुरुग्राम जाने की सोच रहा था। लेकिन अब टॉप्पन की नई फैक्ट्री में उसे अच्छी नौकरी मिल गई है, वो भी अपने ही शहर में।
राजीव जैसे हजारों युवाओं के लिए यह निवेश वरदान साबित होगा। फैक्ट्री में सीधे तौर पर करीब 2000-3000 लोगों को रोज़गार मिलेगा। इसमें इंजीनियर, तकनीशियन, ऑपरेटर, क्वालिटी कंट्रोल एक्सपर्ट और प्रबंधन के लोग शामिल है।

लेकिन असली बात यह है कि अप्रत्यक्ष रोजगार और भी ज्यादा पैदा होंगे। ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, खाने-पीने की दुकानें, मशीनों की मरम्मत, रॉ मटेरियल की सप्लाई - इन सब क्षेत्रों में हज़ारों अतिरिक्त नौकरियाँ बनेंगी।पंजाब सरकार ने टॉप्पन के साथ मिलकर स्थानीय युवाओं के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू किया है। इसमें जापानी विशेषज्ञ आकर आधुनिक पैकेजिंग तकनीक की ट्रेनिंग देंगे।
पंजाब सरकार ने इस निवेश को लाने में अहम भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री खुद जापान के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों से मिले और पंजाब की संभावनाओं को उनके सामने रखा।

टॉप्पन फिल्म्स सिर्फ मुनाफा कमाने वाली कंपनी नहीं है। वो पर्यावरण के प्रति बेहद ज़िम्मेदार है। उनकी नई फैक्ट्री में बनने वाली पैकेजिंग फिल्में ईको-फ्रेंडली होंगी।इसका मतलब है कि ये फिल्में या तो रिसाइकिल हो सकती है या फिर प्रकृति में अपने आप नष्ट हो जाती है। प्लास्टिक प्रदूषण भारत की एक बड़ी समस्या है, और ऐसी तकनीक से इस समस्या को कम करने में मदद मिलेगी।

इस निवेश का एक और बड़ा फायदा है - तकनीकी ज्ञान का स्थानांतरण। जापानी विशेषज्ञ यहाँ आकर भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों को ट्रेनिंग देंगे।मैन्युफैक्चरिंग में जापान दुनिया में सबसे आगे है। उनकी क्वालिटी कंट्रोल, प्रोडक्टिविटी और इनोवेशन की तकनीकें दुनिया भर में मशहूर है। इन तकनीकों को सीखने का मौका पंजाब के युवाओं के लिए अनमोल है।

कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को जापान में ट्रेनिंग के लिए भी भेजा जाएगा। वहाँ से लौटकर वो अपने साथियों को प्रशिक्षित करेंगे। इस तरह धीरे-धीरे पूरे पंजाब में आधुनिक मैन्युफैक्चरिंग की संस्कृति विकसित होगी।टॉप्पन का यह निवेश सिर्फ शुरुआत है। जब एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी किसी जगह सफलतापूर्वक काम करने लगती है, तो दूसरी कंपनियाँ भी उसी जगह निवेश करने में रुचि दिखाती हैं।

पंजाब सरकार को उम्मीद है कि टॉप्पन की सफलता देखकर और भी विदेशी कंपनियाँ पंजाब आएँगी। पैकेजिंग इंडस्ट्री के साथ-साथ ऑटोमोबाइल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में भी निवेश आने की संभावना है। नवांशहर को एक ‘पैकेजिंग हब’ के रूप में विकसित करने की योजना है। यहाँ पैकेजिंग से जुड़ी सभी तरह की कंपनियाँ और सहायक उद्योग स्थापित होंगे। एक पूरा इकोसिस्टम बनेगा जहाँ रॉ मटेरियल से लेकर फाइनल प्रोडक्ट तक सब कुछ उपलब्ध होगा।

टॉप्पन फिल्म्स ने अपनी नीति में महिला कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का वादा किया है। फैक्ट्री में क्रेच (शिशुगृह) की सुविधा होगी ताकि काम करने वाली माताएँ निश्चिंत होकर काम कर सकें।कई पदों पर महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। क्वालिटी कंट्रोल, लैब टेस्टिंग, डिजाइनिंग और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में महिलाओं के लिए बेहतरीन अवसर होंगे। यह पंजाब की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। जब महिलाएँ कमाती हैं तो पूरे परिवार और समाज का विकास होता है।

टॉप्पन फिल्म्स का ₹788 करोड़ का निवेश पंजाब के औद्योगिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह दिखाता है कि सही नीतियों और दृढ़ संकल्प से कैसे बड़े निवेश लाए जा सकते है।
नवांशहर की सड़कों पर आज जो चहल-पहल है, वो आने वाले समय में पूरे पंजाब में फैलेगी। यह निवेश सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं है - यह हजारों परिवारों की खुशहाली का ज़रिया है, युवाओं के सपनों को पूरा करने का माध्यम है, और पंजाब को फिर से देश के औद्योगिक नक्शे पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाने का रास्ता है।

पंजाब सरकार की यह उपलब्धि साबित करती है कि जब सरकार, उद्योग और लोग मिलकर काम करते है, तो विकास की कोई सीमा नहीं होती। टॉप्पन फिल्म्स का यह निवेश एक मिसाल बनेगा - न सिर्फ पंजाब के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए।

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