शपथ ग्रहण से पहले ही काम में जुटे नायब सैनी, प्रदेश में खत्म करवाई राइस मिलर्स की हड़ताल

नायब सैनी ने प्रदेश में चल रही राइस मिलर्स एसोसिएशन की हड़ताल के चलते मंडियों में धान के उठान पर पड़ने वाले असर को देखते हुए एसोसिएशन के साथ बैठक की।

Oct 11, 2024 - 14:54
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शपथ ग्रहण से पहले ही काम में जुटे  नायब सैनी, प्रदेश में खत्म करवाई राइस मिलर्स की हड़ताल
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चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह अपने शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही एक्शन मोड में आ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रही राइस मिलर्स एसोसिएशन की हड़ताल के चलते मंडियों में धान के उठान पर पड़ने वाले असर को देखते हुए एसोसिएशन के साथ बैठक की। बैठक में नायब सिंह सैनी ने उनकी विभिन्न मांगों को सुनते हुए कहा कि एसोसिएशन की अधिकतर मांगें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उन्होंने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि किसानों और व्यापारियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो इसके लिए उनकी सभी मांगों और मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। इस पर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि राइस मिलर्स द्वारा उठान प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से शुरू किया जाएगा।

मिलिंग शुल्क बढ़ाने के अनुरोध के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि मिलिंग शुल्क भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है, इसलिए राज्य सरकार इसे बढ़ाने के संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी। यदि केन्द्र सरकार द्वारा मिलिंग शुल्क में वृद्धि नहीं की जाती है तो राज्य सरकार मिल मालिकों को अतिरिक्त बोनस देने पर विचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि ड्रायज चार्ज को 0.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 1 प्रतिशत करने के अनुरोध पर भी विचार किया जाएगा।

हाइब्रिड धान के लिए आउट-टर्न अनुपात के संबंध में मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि आउट-टर्न अनुपात को कम करने के लिए मिल मालिकों की मांग पर विचार करने की सिफारिश के साथ इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के प्रतिनिधियों के साथ आईआईटी खड़गपुर को एक अध्ययन का जिम्मा सौंपा गया है। अध्ययन दल द्वारा अक्टूबर/नवंबर 2024 में हरियाणा की चावल मिलों का दौरा करने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न एफसीआई गोदामों में 16 लाख मीट्रिक टन धान के भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में 8 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता उपलब्ध है, तथा दिसंबर 2024 तक 8 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार होने की उम्मीद है।

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