Navratri 2024 Special : पंचकूला का माता मनसा देवी मंदिर, जहां गिरा था माता सती के मस्तिष्क का अग्र भाग
देश भर में माता के 51 शक्तिपीठ है। इनमें से एक पंचकूला का माता मनसा देवी मंदिर भी है। वैसे तो यहां पर साल भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नवरात्र के दिनों में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : देश भर में माता के 51 शक्तिपीठ है। इनमें से एक पंचकूला का माता मनसा देवी का मंदिर भी है। वैसे तो यहां पर साल भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नवरात्र के दिनों में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है। कहां जाता है कि आज तक माता के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं गया। आम जनता के साथ बड़े-बड़े राजनेता भी माता के दर्शनों के लिए आते हैं।
मंदिर के पुजारी पंडित जितेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस स्थान पर सती माता के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरा था। इसलिए इन्हें मनसा देवी कहा जाता है। मस्तिष्क के अग्र भाग को मन भी कहते हैं। इसलिए माता यहां आने वाले हर भक्त के मन की मुराद को पूरा करती है। नवरात्र के दिनों में यहां पर हजारों लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। नवरात्र के 9 दिनों में मां के सभी 9 स्वरूपों की पूजा होती है। इस मौके पर मंदिर में उत्सव का माहौल रहता है। उन्होंने बताया कि माता को भगवान शिव की पुत्री भी माना जाता है।
200 सालों से आ रहे श्रद्धालु
माता मनसा देवी के मंदिर का निर्माण मनीमाजरा के महाराजा गोपाल सिंह ने साल 1811 और 1815 के बीच में करवाया था। करीब 200 सालों से इस मंदिर में श्रद्धालु माता मनसा देवी के दरबार में माथा टेकने पहुंचते हैं। आज तक कोई भी शख्स माता के दरबार से खाली हाथ नहीं गया है। देश के अलावा विदेश से भी श्रद्धालु यहां माता मनसा देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
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