सांसद राघव चड्ढा ने संसद में वायु प्रदूषण का उठाया मुद्दा, समस्या से निजात पाने के लिए दिए सुझाव
संसद में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने उत्तर भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने पराली जलाने को प्रदूषण की इकलौती वजह मानने को खारिज करते हुए इसे किसानों की मजबूरी करार दिया। साथ ही, समस्या से निजात पाने के लिए ठोस और व्यावहारिक समाधान पेश किए।
राघव चड्ढा ने संसद को बताया कि पराली जलाना किसानों की आर्थिक मजबूरी है, न कि उनकी पसंद। उन्होंने कहा कि पराली जलाना उत्तर भारत में प्रदूषण का एक हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसे इकलौती वजह बताना गलत है। चड्ढा ने आईआईटी द्वारा किए गए शोध का हवाला देते हुए कहा कि वायु प्रदूषण के लिए कई अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं, जिनमें वाहनों का धुआं, उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषण, और निर्माण कार्य शामिल हैं।
किसानों को 2500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे का सुझाव
पराली जलाने की समस्या से निजात पाने के लिए सांसद ने किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का सुझाव दिया। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि हरियाणा और पंजाब के किसानों को पराली प्रबंधन के लिए 2500 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाए। इस राशि का वितरण केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित होगा, जिसमें 2000 रुपये केंद्र सरकार और 500 रुपये राज्य सरकार प्रदान करेगी।
AI और AQI की चर्चा
राघव चड्ढा ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि जब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी उन्नत तकनीकों की बात कर सकते हैं, तो हमें AQI के सुधार की दिशा में भी ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या केवल चर्चा तक सीमित नहीं रहनी चाहिए; इसे हल करने के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है।
केंद्र सरकार से समाधान की अपील
सांसद ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह वायु प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से ले और एक व्यापक योजना तैयार करे। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस समस्या का समाधान नहीं करेंगी, तब तक हर साल उत्तर भारत को प्रदूषण के इस गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा।
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