हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने बिजली निगम पर लगाया भारी जुर्माना, जानिए क्या है वजह

हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के कुरूक्षेत्र कार्यालय पर 15,500 रूपए का जुर्माना लगाया है।

Aug 2, 2024 - 13:07
 16
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने बिजली निगम पर लगाया भारी जुर्माना, जानिए क्या है वजह

सज्जन कुमार, चंडीगढ़ : हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के कुरूक्षेत्र कार्यालय पर 15,500 रूपए का जुर्माना लगाया है। आयोग ने यह जुर्माना उपभोक्ता को गलत बिल जारी करने व किसी भी गलती के बिना परेशान करने और  कार्य निर्धारित समय सीमा में न देने के कारण लगाया गया।

एक उपभोक्ता को आया था एक लाख का बिल 

निगम के प्रवक्ता ने बताया कि उपभोक्ता सुल्तान सिंह ने 21 जनवरी 2024 को गलत बिल से सम्बंधित शिकायत उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम कुरुक्षेत्र में स्थित कार्यालय में दी थी। उसने बताया कि वे समय पर अपने बिल का भुगतान करते रहे हैं, लेकिन 1 नवम्बर 2022 से 20 जुलाई 2023 तक का बिल अगस्त 2023 में 1,11,008.99 रुपए का मिला। उन्होंने इस बिल से सम्बधित शिकायत एसडीओ कार्यालय कुरूक्षेत्र में दर्ज करवाई, लेकिन कार्यालय के कई चक्कर लगाने के बाद भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला।

इसके बाद मामले की शिकायत आयोग को की गई। आयोग के मुख्य आयुक्त ने सुनवाई की थी। सुनवाई के बाद जांच में पाया गया कि यह एक और ऐसा मामला है, जिसमें यूएचबीवीएन द्वारा खुद को डिस्कॉम की एकीकृत रेटिंग में ‘ए‘ प्लस श्रेणी की बिजली उपयोगिता होने का दावा करते हुए उपभोक्ता को परेशान किया गया है।  निगम द्वारा उपभोक्ताओं को उनकी ओर से किसी भी गलती के बिना परेशान किया जा रहा है। यदि वे समय-समय पर इसकी निगरानी करते हैं, तो वे सुधारात्मक कार्रवाई कर सकते हैं।

यूएचबीवीएन के एमडी अधिकारियों की टीम करें गठित

आयोग ने कहा कि उम्मीद है कि ऐसे मामलों में यूएचबीवीएन के एमडी वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम गठित करेंगे, जो न केवल उन बिलों की निगरानी करेगी, जहां मीटर ठीक हैं, बल्कि बिलों में आर-1 या एफ कोड है और औसत आधार पर लंबे समय तक गलत बिलिंग को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।

आयोग ने कहा कि उपभोक्ता को लंबे समय से गलत बिल जारी किए जा रहे हैं और यह बात यूएचबीवीएन अधिकारियों ने भी स्वीकार की है। आयोग ने एक अधिसूचित सेवा के वितरण में गंभीर चूक का संज्ञान लेते हुए  प्रत्येक द्वि-मासिक बिल के लिए 1 हजार रुपए यानी 31 महीनों के लिए गलत बिलों के लिए 15,500 रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि उपभोक्ता को देने का आदेश दिया है। आयोग ने आदेश में कहा कि यह राशि या तो यूएचबीवीएन द्वारा अपने स्वयं के धन से उपभोक्ता के खाते में समायोजित की जानी चाहिए या यह राशि उन अधिकारियों से वसूल सकता है जो इस मामले में इन खामियों के लिए जिम्मेदार हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow