हरियाणा कांग्रेस ने बुलाई विधायक दल की बैठक, नेता विपक्ष के नाम पर होगा फैसला
यह भी कहा जा रहा है कि सीएलपी लीडर के लिए सैलजा की ओर से ही चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे बढ़ाया गया है गौरतलब हो कि चंद्रमोहन बिश्नोई भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ़ भजनलाल के बड़े बेटे हैं।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पद को लेकर हुई खिंचतान के बाद अब नेता विपक्ष के नाम को लेकर पेंच फंस गया है। नेता विपक्ष के नाम को लेकर आज चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई है।
हरियाणा कांग्रेस के कार्यालय में दोपहर तीन बजे होने वाली इस बैठक में अशोक गहलोत, प्रताप सिंह बाजवा और अजय माकन ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद रहेंगे। इनकी मौजूदगी में ही कांग्रेस विधायक दल के नेता का फैसला होगा। पिछले पांच वर्षों से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधायक दल के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे।
कांग्रेस को इस बार भी विपक्ष में ही बैठना होगा। एंटी हुड्डा खेमा विधानसभा चुनावों में हार के लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को जिम्मेदार ठहरा रहा है। टिकट आवंटन से लेकर चुनाव प्रचार में एकतरफा चलाने की वजह से ही कांग्रेस की हार हुई, ऐसा अब कांग्रेस के कई नेता आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के फिर से विधायक दल का नेता चुने जाने के आसार कम हैं। सीएलपी लीडर के लिए तीन नेताओं के नाम चर्चाओं में हैं।
पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा, पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल और पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम नेता विपक्ष के लिया चर्चा में है। बता दें कि अशोक अरोड़ा और गीता भुक्कल की गिनती हुड्डा के नजदीकियों में होती है। वहीं चंद्रमोहन बिश्नोई को पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का नजदीकी माना जाता है। यह भी कहा जा रहा है कि सीएलपी लीडर के लिए सैलजा की ओर से ही चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे बढ़ाया गया है गौरतलब हो कि चंद्रमोहन बिश्नोई भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ़ भजनलाल के बड़े बेटे हैं।
अशोक अरोड़ा का नाम भी चल रहा
थानेसर से नायब सरकार में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा को चुनाव हराकर विधानसभा पहुंचे अशोक अरोड़ा राज्य सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर के अलावा विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस गैर-जाट कार्ड खेलते हुए इस बार अरोड़ा पर दाव लगा सकती है। पंजाबी समुदाय के अशोक अरोड़ा लम्बे समय तक आईएनएलडी में सक्रिय रहे हैं। वे आईएनएलडी के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे। कई साल पहले उन्होंने आईएनएलडी छोड़कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस जॉइन कर ली थी।
प्रदेशाध्यक्ष बदलने को लेकर भी मंथन जारी
कुमारी सैलजा को बदल कर कांग्रेस ने चौधरी उदयभान को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। कुर्सी संभालते ही उदयभान ने ऐलान किया था कि अगले कुछ ही दिनों में संगठन का गठन हो जाएगा, लेकिन वे अपना संगठन तक नहीं बना सके। उदयभान खुद होडल हलके से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन हार गए। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व अब प्रदेशाध्यक्ष बदलने को लेकर भी गंभीरता से मंथन कर रहा है। नए प्रधान के लिए एक बार फिर कुमारी सैलजा का नाम चर्चाओं में आ गया है।
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