दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण: फिर से लागू हुआ GRAP-4, जानें क्या हैं प्रतिबंध और कैसे करें बचाव
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप-समिति ने वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण (GRAP-4) को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप-समिति ने वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण (GRAP-4) को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है। इससे पहले GRAP के चरण I, II और III की कार्रवाई पहले से ही लागू थी।
GRAP-4 के तहत लागू प्रतिबंध:
GRAP-4 के लागू होने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनका उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्तर को कम करना है। प्रमुख प्रतिबंध निम्नलिखित हैं:
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निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध: सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी गई है, जिससे धूल और अन्य प्रदूषकों का उत्सर्जन कम हो सके।
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औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्त पाबंदियां: औद्योगिक इकाइयों से होने वाले उत्सर्जन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, और आवश्यकतानुसार उत्पादन में कटौती या बंदी के निर्देश दिए गए हैं।
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वाहनों के उपयोग पर नियंत्रण: आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, डीजल वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है। लोगों को निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
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स्कूलों में कक्षाओं का संचालन: बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए, स्कूलों में छठी से नौवीं तक की कक्षाओं को निलंबित कर ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए हैं। 11वीं की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएंगी।
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कार्यालयों में कार्य व्यवस्था: सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो सके।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की स्थिति:
बुधवार की शाम तक दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के पार पहुंच गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यह स्तर स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है और सभी लोगों को इससे बचने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य संबंधी सलाह:
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बाहरी गतिविधियों में कमी करें: जब तक आवश्यक न हो, बाहर निकलने से बचें। विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
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मास्क का उपयोग करें: यदि बाहर जाना आवश्यक हो, तो एन95 मास्क का उपयोग करें, जो वायु प्रदूषकों से बचाव में सहायक होता है।
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घर के अंदर वायु शुद्धिकरण: घर के अंदर वायु शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और नियमित रूप से घर की सफाई करें।
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पौष्टिक आहार लें: अपने आहार में विटामिन-C और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
सरकार और नागरिकों की भूमिका:
वायु प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम तभी सफल होंगे, जब नागरिक भी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और उनका पालन करें। निजी वाहनों का कम उपयोग, ऊर्जा की बचत, और पर्यावरण के प्रति जागरूकता प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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