हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया

हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने बुधवार को विधानसभा में ध्वनि मत के माध्यम से विश्वास मत हासिल कर लिया। विश्वास मत पर सदन में करीब दो घंटे तक चर्चा हुयी ।

जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने अपने सभी दस विधायकों को व्हिप जारी कर विश्वास मत पर मतदान के दौरान सदन से अनुपस्थित रहने के लिये कहा था। विश्वास मत पर चर्चा शुरू होने पर सदन में मौजूद पार्टी के पांच विधायक विधानसभा से बाहर चले गए।

हरियाणा विधानसभा में सदस्यों की संख्या 90 है। भाजपा के 41 सदस्य हैं जबकि उसे छह निर्दलीय तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है ।

विधानसभा में जजपा के दस विधायक हैं जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 30 और इंडियन नेशनल लोकदल का एक विधायक है ।

हरियाणा में नई सरकार का गठन, बाजार में चाट खाते दिखे अनिल विज, Video

हरियाणा में नई सरकार बन गई है। मंगलवार को मनोहर लाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया और शाम को नए सीएम नायब सिंह सैनी ने शपथ ली। वहीं, इस पूरे सियासी हलचल के बीच खबर सामने आई कि बीजेपी के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज नाराज हो गए है लेकिन दूसरी तरफ अनिल विज अंबाला में गोलगप्पे और आलू टिक्की खाते देखे गए।

हरियाणा में फेरबदलः जमीन से जुड़े ओबीसी नेता नायब सैनी ने ली भाजपा के कद्दावर नेता मनोहर लाल की जगह

र्यजनक कदम लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले उठाया है जबकि हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।

भाजपा ने ओम प्रकाश धनखड़ के स्थान पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सैनी को हरियाणा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था।

इससे पहले, मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके सभी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में सैनी की नियुक्ति को ओबीसी और गैर-जाट समुदायों पर पकड़ मजबूत करने के मकसद से पार्टी के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा गया था।

राज्य में सबसे अधिक आबादी वाले समुदाय जाट का समर्थन बड़े पैमाने पर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जजपा) और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के बीच बंटा हुआ माना जाता है।

इसके अलावा, सैनी को मुख्यमंत्री चुने जाने को मनोहर लाल सरकार के खिलाफ जारी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिहाज से उठाए गए कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।

हरियाणा में सैनी समुदाय की आबादी करीब आठ फीसदी है। यह समुदाय हरियाणा के कई उत्तरी जिलों के अलावा अंबाला, कुरूक्षेत्र और हिसार समेत कुछ अन्य जिलों में भी प्रभाव रखता है।

वर्ष 2014 में, जब भाजपा ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाई थी, तब पार्टी ने करनाल से पहली बार विधायक बने मनोहर लाल को मुख्यमंत्री चुना था। उस समय राम बिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ जैसे वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर खट्टर को चुना गया था। कुछ इसी तर्ज पर मंगलवार को मनोहर लाल को हटाकर सैनी को मुख्यमंत्री चुना गया।

निवर्तमान मनोहर लाल मंत्रिमंडल में छह बार के विधायक अनिल विज सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं।

सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला जिले के मिर्जापुर माजरा नामक गांव में हुआ था। कानूनी की पढ़ाई करने वाले सैनी के खट्टर के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और ये आरएसएस के दिनों से चले आ रहे हैं।

नायब सिंह सैनी को हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री चुने जाने की घोषणा आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित थी, लेकिन भाजपा इस तरह के हैरानी भरे फैसलों के लिए जानी जाती है और 2014 में पार्टी ने इसी प्रकार मनोहर लाल खट्टर को इस पद के लिए चुना था।

चर्चाओं से दूर रहने वाले और जमीन से जुड़े ओबीसी नेता सैनी (54) पार्टी में विभिन्न पदों पर काम के बाद मंगलवार को यहां आयोजित एक बैठक में सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए।

सैनी ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

सैनी को मनोहर लाल (69) का करीबी माना जाता है। उन्होंने मनोहर लाल की जगह ली, जिनका मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल इस साल अक्टूबर में पूरा होना था।

सत्तारूढ़ भाजपा ने यह आश्चर्यजनक कदम लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले उठाया है जबकि हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।

भाजपा ने ओम प्रकाश धनखड़ के स्थान पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सैनी को हरियाणा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था।

इससे पहले, मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके सभी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में सैनी की नियुक्ति को ओबीसी और गैर-जाट समुदायों पर पकड़ मजबूत करने के मकसद से पार्टी के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा गया था।

राज्य में सबसे अधिक आबादी वाले समुदाय जाट का समर्थन बड़े पैमाने पर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जजपा) और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के बीच बंटा हुआ माना जाता है।

इसके अलावा, सैनी को मुख्यमंत्री चुने जाने को मनोहर लाल सरकार के खिलाफ जारी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिहाज से उठाए गए कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।

हरियाणा में सैनी समुदाय की आबादी करीब आठ फीसदी है। यह समुदाय हरियाणा के कई उत्तरी जिलों के अलावा अंबाला, कुरूक्षेत्र और हिसार समेत कुछ अन्य जिलों में भी प्रभाव रखता है।

वर्ष 2014 में, जब भाजपा ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाई थी, तब पार्टी ने करनाल से पहली बार विधायक बने मनोहर लाल को मुख्यमंत्री चुना था। उस समय राम बिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनखड़ जैसे वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर खट्टर को चुना गया था। कुछ इसी तर्ज पर मंगलवार को मनोहर लाल को हटाकर सैनी को मुख्यमंत्री चुना गया।

निवर्तमान मनोहर लाल मंत्रिमंडल में छह बार के विधायक अनिल विज सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं।

सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला जिले के मिर्जापुर माजरा नामक गांव में हुआ था। कानूनी की पढ़ाई करने वाले सैनी के खट्टर के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और ये आरएसएस के दिनों से चले आ रहे हैं।

सैनी 2014 और 2019 के बीच मनोहर लाल कैबिनेट में मंत्री भी थे। उन्होंने विधायक रहते हुए 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था।

यहां हरियाणा निवास में हुई भाजपा विधायकों की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री के रूप में सैनी के नाम की घोषणा की गई।

पिछले तीन दशकों के दौरान, सैनी ने भाजपा की राज्य इकाई में कई पदों पर काम किया और प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और महासचिव रहे। वह 2002 में अंबाला के लिए प्रदेश भाजपा की युवा शाखा के जिला महासचिव थे और तीन साल बाद जिला अध्यक्ष बने।

वह 2014 में नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे।

साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, सैनी ने कुरुक्षेत्र सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3,84,591 मतों के अंतर से हराया था। सैनी को 2019 में भाजपा के सांसद रहे आरके सैनी के विद्रोह के बाद कुरुक्षेत्र सीट से मैदान में उतारा गया था।
यहां हरियाणा निवास में हुई भाजपा विधायकों की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री के रूप में सैनी के नाम की घोषणा की गई।

पिछले तीन दशकों के दौरान, सैनी ने भाजपा की राज्य इकाई में कई पदों पर काम किया और प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और महासचिव रहे। वह 2002 में अंबाला के लिए प्रदेश भाजपा की युवा शाखा के जिला महासचिव थे और तीन साल बाद जिला अध्यक्ष बने।

वह 2014 में नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे।

साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, सैनी ने कुरुक्षेत्र सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3,84,591 मतों के अंतर से हराया था। सैनी को 2019 में भाजपा के सांसद रहे आरके सैनी के विद्रोह के बाद कुरुक्षेत्र सीट से मैदान में उतारा गया था।

नायब सिंह सैनी होंगे हरियाणा के नए CM, विधायक दल की बैठक में लगी मुहर

जननायक जनता पार्टी (जजपा) और भाजपा का गठबंधन टूटने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को आज सुबह अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्य में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री खट्टर समेत 14 मंत्री शामिल थे। इसमें उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा के तीन सदस्य थे।

कुरुक्षेत्र से अयोध्या के लिए ट्रेन रवाना, BJP प्रदेश अध्यक्ष ने दिखाई हरी झंडी

हरियाणा भाजपा अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन से अयोध्या के लिए ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर थानेसर विधायक सुभाष सुधा भी मौजूद रहे।

हरियाणा BJP अध्यक्ष नायब सैनी का बयान, BJP-JJP गठबंधन पर फैसला हाईकमान करेगा

हरियाणा बीजेपी के नए अध्यक्ष बनने के बाद नायब सिंह सैनी चरखी दादरी में पार्टी द्वारा आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में स्थानीय बीजेपी विधायक और प्रदेश बीजेपी से जुड़े नेता शामिल हुए।