Punjab : लुधियाना सेंट्रल जेल में नशा तस्करी का मामला , UPI के जरिए लेते थे पैसे
पंजाब के लुधियाना सेंट्रल जेल में नशे का जाल फैलाने वाले दो सरकारी कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पंजाब के लुधियाना सेंट्रल जेल में नशे का जाल फैलाने वाले दो सरकारी कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दोनों जेल के भीतर नशा सप्लाई का नेटवर्क चला रहे थे और इसके बदले UPI ट्रांजैक्शन के जरिए परिजनों से पैसे वसूलते थे। थाना डिवीजन नंबर 7 की पुलिस ने एक महीने की गुप्त जांच के बाद यह कार्रवाई की। गिरफ्तारी के बाद जेल में तैनात आधा मेडिकल स्टाफ फरार बताया जा रहा है।
ऐसे हुआ रैकेट का भंडाफोड़
जांच अधिकारी ASI दिनेश कुमार ने बताया कि 27 अक्टूबर को जेल स्टाफ ने कैदियों से 117 नशीली कैप्सूल और 3 मोबाइल फोन बरामद किए थे। इस पर NDPS एक्ट की धारा 21 और जेल एक्ट की धारा 52A(1) के तहत केस दर्ज किया गया था। जांच में गिरफ्तार हवालाती रवि कुमार, अमनदीप कुमार, अजय कुमार, उबैद मसीह और गुलशन ने खुलासा किया कि जेल में नशे की सप्लाई डॉक्टर और तकनीशियन के माध्यम से होती थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों कर्मचारियों को निगरानी में लिया और बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि ये दोनों आरोपियों से नशा सप्लाई करने के बदले उनके परिजनों से डिजिटल पेमेंट के ज़रिए पैसे लेते थे। कई बार वे इलाज के बहाने सिविल अस्पताल भेजकर भी वसूली करते थे। पुलिस को उनके बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन मिले हैं और अन्य कर्मचारियों के शामिल होने की जांच जारी है।
जेल में पहले भी ऐसे रैकेट बेनकाब
- 17 जनवरी 2024: असिस्टेंट जेल सुपरिंटेंडेंट गगनदीप शर्मा और सतनाम सिंह को इसी तरह के ड्रग रैकेट में पकड़ा गया था।
- 12 नवंबर 2024: एक ASI को 1 किलो तंबाकू जेल में सप्लाई करने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया।
- 29 अक्टूबर 2024: 3rd IRB के ASI के पास से 10 ग्राम नशा और 325 ग्राम तंबाकू बरामद हुआ।
- 11 अक्टूबर 2024: जेल की LED टीवी के अंदर नशा छिपाने का मामला सामने आया था, जिसमें असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट सुखविंदर सिंह और दो हवालातियों को गिरफ्तार किया गया था।
इस पूरे घटनाक्रम ने लुधियाना सेंट्रल जेल में नशे की सप्लाई नेटवर्क और अंदरूनी मिलीभगत की पोल खोल दी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही और बड़े खुलासे किए जा सकते हैं।
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