राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने दीक्षांत समारोह में 1536 विद्यार्थियों को दी डिग्रियां, बोली-बेटियां उच्च शिक्षा के साथ शोध में भी बढ़ रही आगे

Aug 22, 2024 - 11:44
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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने दीक्षांत समारोह में 1536 विद्यार्थियों को दी डिग्रियां, बोली-बेटियां उच्च शिक्षा के साथ शोध में भी बढ़ रही आगे
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने दीक्षांत समारोह में 1536 विद्यार्थियों को दी डिग्रियां, बोली-बेटियां उच्च शिक्षा के साथ शोध में भी बढ़ रही आगे

एमएच वन ब्यूरो, चंडीगढ़:

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति की चुनौतियों का सामना करने और इस से पैदा होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए देश में जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। राष्ट्रपति ने शिक्षण संस्थानों को पूर्व छात्र संघ के योगदान को भी मजबूत एवं प्रभावशाली बनाने का सुझाव दिया।

राष्ट्रपति मुर्मू फरीदाबाद स्थित जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के पंचम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहीं थी। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल हरियाणा एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर भी उपस्थित रहे।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्रपति मुर्मू की उपस्थिति में विद्यार्थियों को उपाधि, पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किS। दीक्षांत समारोह में सभी छात्र-छात्राएं पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में नजर आए। दीक्षांत समारोह के दौरान वर्ष 2023 में अपनी डिग्री पूरी करने वाले 1536 विद्यार्थियों और शोधार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई, जिसमें 998 स्नातक, 525 स्नातकोत्तर और 13 पीएचडी शामिल रहे। डिग्री प्राप्त करने वालों में 874 छात्र और 662 छात्राएं हैं। इसके अलावा, समारोह में दो मेधावी छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने विश्वविद्यालय में जेसी बोस यंग साइंटिस्ट अवार्ड की शुरूआत तथा शोध के लिए सीड मनी जैसे प्रावधानों का उल्लेख करते हुए शोध को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा औद्योगिक एवं अकादमिक संस्थानों के साथ समझौतों तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विश्वविद्यालय में स्थापित सेंटर आफ एक्सीलेंस जैसी पहलों का भी उल्लेख किया। 

राष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा हरित क्रांति का प्रदेश है। इस राज्य ने देश की खाद्यान्न आत्मनिर्भरता में अहम भूमिका निभाई है। चौथी औद्योगिक क्रांति में शिक्षण संस्थानों की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जेसी बोस विश्वविद्यालय शोध एवं अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाते हुए अन्य संस्थाओं को राह दिखा सकता है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह संस्थान पांच दशकों से अधिक समय से युवाओं को कुशल एवं आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षण संस्थानों को पूर्व छात्र संघ की भूमिका एवं योगदान को और अधिक मजबूत एवं प्रभावशाली बनाने के लिए कदम उठाया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति मुर्मू ने महान वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस को आधुनिक विज्ञान का अग्रदूत बताते हुए कहा कि जेसी बोस का नाम सुनते ही प्रत्येक भारतीय को गर्व की अनुभूति होती है। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि महान वैज्ञानिक जेसी बोस के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नामकरण इसे वैश्विक पहचान दिलाएगा।

इससे पहले कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने अपने स्वागतीय संबोधन में अतिथियों का अभिनंदन किया तथा वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, पुलिस आयुक्त ओपी नरवाल, जिला उपायुक्त विक्रम सिंह सहित विश्वविद्यालय की विभिन्न निकायों के सदस्य, पूर्व छात्र संघ के सदस्य और जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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