‘भारत न्यूट्रल नहीं’, आतंकवाद और यूक्रेन युद्ध पर PM मोदी ने कही ये बातें
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में द्विपक्षीय संबंधों से लेकर यूक्रेन संकट तक कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद दोनों की साझा बातचीत की झलकियां सामने आई हैं।
आतंकवाद के खिलाफ PM ने कही यह बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। चाहे पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर कायरतापूर्ण हमला, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ वैश्विक एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। भारत और रूस संयुक्त राष्ट्र, जी-20, ब्रिक्स, एससीओ और अन्य मंचों पर घनिष्ठ सहयोग कर रहे हैं। हम इन सभी मंचों पर अपनी बातचीत और सहयोग जारी रखेंगे।"
"शांति का पक्षधर है” - PM मोदी
वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि भारत की भूमिका तटस्थता नहीं, बल्कि शांति की समर्थक है। उन्होंने कहा, “यूक्रेन संकट के बाद हमारी चर्चा लगातार होती रही है। आपने भी सच्चे मित्र के रूप में हमें सभी पहलुओं से अवगत कराया है। मैं मानता हूं कि विश्वास बहुत बड़ी ताकत है। विश्व का कल्याण शांति मार्ग पर ही है और हम सबको मिलकर शांति का रास्ता तलाशना चाहिए।” मोदी ने आगे कहा, “भारत न्यूट्रल नहीं है, भारत शांति का पक्षधर है। हम शांति के हर प्रयास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड महामारी और वैश्विक संकटों के बाद अब समय है कि दुनिया फिर से प्रगति और स्थिरता की दिशा में आगे बढ़े।
“भारत-रूस संबंधों की नींव ऐतिहासिक” - PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, “महामहिम, आपकी यह यात्रा बहुत ऐतिहासिक है। 2001 में जब आपने पहली बार भारत का दौरा किया था, उसी यात्रा में भारत-रूस के मजबूत रणनीतिक संबंधों की नींव रखी गई थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से यह गर्व की बात है कि आपके साथ मेरे संबंधों को भी 25 साल हो चुके हैं।” उन्होंने कहा कि पुतिन की नेतृत्व क्षमता और दूरदृष्टि ने भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, जो एक विजनरी लीडरशिप का उत्कृष्ट उदाहरण है।
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