मतगणना के बाद कैसे होगी विधानसभा के गठन की प्रक्रिया, जानिए क्या कहते हैं संविधान विशेषज्ञ?

हरियाणा में 15वीं विधानसभा के गठन के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब 8 अक्टूबर को मतगणना के साथ ही चुनावी परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। उसके बाद विधानसभा के गठन की प्रक्रिया की शुरूआत होगी। आखिर कैसे होती है, विधानसभा के गठन की पूरी प्रक्रिया? स्पीकर से पहले क्यों किया जाता है प्रोटॉम स्पीकर का चुनाव? स्पीकर के लिए क्या होनी चाहिए योग्यता? 

Oct 7, 2024 - 07:22
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मतगणना के बाद कैसे होगी विधानसभा के गठन की प्रक्रिया, जानिए क्या कहते हैं संविधान विशेषज्ञ?
मतगणना के बाद कैसे होगी विधानसभा के गठन की प्रक्रिया, जानिए क्या कहते हैं संविधान विशेषज्ञ?
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चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़:

हरियाणा में 15वीं विधानसभा के गठन के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब 8 अक्टूबर को मतगणना के साथ ही चुनावी परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। उसके बाद विधानसभा के गठन की प्रक्रिया की शुरूआत होगी। आखिर कैसे होती है, विधानसभा के गठन की पूरी प्रक्रिया? स्पीकर से पहले क्यों किया जाता है प्रोटॉम स्पीकर का चुनाव? स्पीकर के लिए क्या होनी चाहिए योग्यता? 

इनके अलावा विधानसभा गठन से जुड़े कई अन्य सवालों को लेकर हमने हरियाणा विधानसभा के पूर्व में स्पेशल सचिव रहे और संविधान के जानकार रामनारायण यादव से खास बातचीत की। रामनारायण यादव ने इन सब सवालों के साथ विधानसभा के गठन से जुड़े अन्य मामलों और किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने पर बनने वाले हालात को लेकर भी अपनी राय जाहिर की।

तीन चरणों से पड़ता हैं गुजरना

हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पेशल सचिव और संविधान के जानकार रामनारायण यादव ने बताया कि विधानसभा के किसी भी सदस्य को अपनी पूरी शक्ति हासिल करने के लिए तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। पहले चरण में किसी भी व्यक्ति को विधानसभा का सदस्य बनने के लिए चुनाव जीतना होता है। 

इसके बाद सेक्टर-73 के तहत चुनाव आयोग की ओर से चुने गए सदस्यों को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है, जो राज्यपाल के पास भी जाता है। तीसरे चरण के रूप में चुने हुए प्रतिनिधि को शपथ ग्रहण करनी होती है। शपथ लिए बिना वह हाउस में नहीं बैठ सकते और ऐसा करने पर उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। 

ऐसे शुरू होती है सरकार बनाने की प्रक्रिया

चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन की कॉपी राज्यपाल के पास पहुंचने के बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया की शुरूआत होती है। ऐसे में मतगणना के बाद बहुमत हासिल करने वाला दल तुरंत सरकार बनाने के लिए अपना दावा पेश कर देता है। इस पर राज्यपाल की ओर से भी उन्हें समय दिया जाता और मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण हो जाता है। इसके बाद विधानसभा का हाउस बुलाया जाता है। 

इस दौरान राज्यपाल की ओर से प्रोटॉम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है, जोकि विधानसभा के चुने हुए सदस्यों में से ही एक सदस्य होता है। धारा-188 के तहत राज्यपाल किसी भी एक विधायक को प्रोटॉम स्पीकर के लिए नियुक्त करते हैं, जो विधानसभा के शेष सभी सदस्यों को शपथ दिलाने का काम करते हैं। सदस्यों को शपथ दिलाने के बाद वह विधानसभा के स्थाई स्पीकर का भी चुनाव करवाते हैं। 

इस दिन हो सकता है शपथ ग्रहण

रामनायारण यादव ने बताया कि हरियाणा की 14वीं विधानसभा 12 सितंबर को भंग हो गई थी। ऐसे में अभ 8 अक्टूबर को मतगणना के बाद यदि किसी भी दल को बहुमत मिला तो वह तुरंत शपथ ग्रहण करवाने के लिए दावा पेश करेगा। इस सूरत में 9, 10 या फिर 11 अक्टूबर को कभी भी शपथ ग्रहण हो सकता है। 

अरोडा ने अच्छा चलाया हाउस

रामनारायण यादव बताते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए किसी प्रकार की योग्यता नहीं रखी गई है। विधानसभा के सदस्यों में कोई भी एक सदस्य विधानसभा अध्यक्ष बन सकता है। उन्होंने बताया कि कम शैक्षणिक योग्यता होने के बावजूद अशोक अरोड़ा ने अपने समय में सबसे अच्छा हाउस चलाया। वह हमेशा भरोसे के साथ चलते थे और सही बात पर तुरंत रिएक्ट करते थे।

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