चुनावी रैलियों के लिए न करें स्कूल और कॉलेज के मैदानों का उपयोग: मुख्य निर्वाचन अधिकारी

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावी रैलियों के लिए स्कूल और कॉलेज के खेल के मैदानों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के तहत लगाया गया है।

Sep 22, 2024 - 09:56
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चुनावी रैलियों के लिए न करें स्कूल और कॉलेज के मैदानों का उपयोग: मुख्य निर्वाचन अधिकारी
चुनावी रैलियों के लिए न करें स्कूल और कॉलेज के मैदानों का उपयोग: मुख्य निर्वाचन अधिकारी

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावी रैलियों के लिए स्कूल और कॉलेज के खेल के मैदानों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के तहत लगाया गया है। अग्रवाल ने आगे कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म या समुदाय के आधार पर मतदाताओं की भावनाओं का शोषण नहीं किया जाएगा। उन्होंने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान उच्च नैतिक मानकों को बनाए रखने के महत्व का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है, लेकिन आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य इसके विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत उल्लिखित है और इसका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारा जैसे किसी भी धार्मिक स्थल का उपयोग प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा और इन स्थानों पर भाषण, पोस्टर, संगीत या किसी अन्य चुनाव संबंधी सामग्री का उपयोग नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान विज्ञापनों में रक्षाकर्मियों या उनसे जुड़ी घटनाओं की तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। स्टार प्रचारकों द्वारा चुनाव आचार संहिता की अनुपालना के संबंध में उन्होंने कहा कि स्टार प्रचारकों को भी आचार संहिता की अनुपालना सख्ती से करनी चाहिए। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए रजिस्टर बनाए रखने का निर्देश दिया है।

इस रजिस्टर में उम्मीदवारों, प्रचारकों और राजनीतिक दलों के नाम दर्ज होंगे, साथ ही उल्लंघनों, की गई कार्रवाइयों और चुनाव कार्यालय या चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों का विवरण भी दर्ज होगा। अग्रवाल ने कहा कि इन उल्लंघनों की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाएगी और मीडिया सहित इच्छुक पक्ष इस डेटा तक पहुँच सकेंगे।

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