जिला प्रशासन पराली को आग लगाने से रोकने के लिए बेताब, कहा ‘आओ धरती मां को बचाएं, पराली न जलाएं’: ADC
डिप्टी कमिश्नर डॉ. पल्लवी के निर्देशों पर डिप्टी कमिश्नर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा धान के खेतों में खासकर धान की पराली को आग लगाने की घटनाओं को कम करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में कृषि ब्लॉक अहमदगढ़ के अंतर्गत गांव महराणा खुर्द की सहकारी सभा में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर सुखप्रीत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में महोली कला, कंगनवाल, दरियापुर और अहमदपुर में विशेष किसान जागरूकता कैंप लगाए गए।
डिप्टी कमिश्नर डॉ. पल्लवी के निर्देशों पर डिप्टी कमिश्नर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा धान के खेतों में खासकर धान की पराली को आग लगाने की घटनाओं को कम करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में कृषि ब्लॉक अहमदगढ़ के अंतर्गत गांव महराणा खुर्द की सहकारी सभा में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर सुखप्रीत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में महोली कला, कंगनवाल, दरियापुर और अहमदपुर में विशेष किसान जागरूकता कैंप लगाए गए।
इस अवसर पर जिला माल अधिकारी मनदीप कौर, कृषि अधिकारी डॉ. कुलवीर सिंह, राकेश कुमार व कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर सुखप्रीत सिंह सिद्धू ने किसानों व लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि अब सभी को पर्यावरण को बचाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाकी किसानों को भी उन्नत किसानों के अनुभवों से मार्गदर्शन लेना चाहिए और हमारे गुरु साहिबानों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना चाहिए तथा भूमि, जल व वायु को गिरने से बचाने के लिए पराली को आग नहीं लगानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए पराली का उचित रखरखाव जरूरी है। इसलिए किसानों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए तथा प्रदूषण को रोकने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने किसानों को घास न जलाने के सुप्रीम कोर्ट व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बारे में जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अगर हम इस घास का उचित प्रबंधन करें तो यह खेतों को नुकसान पहुंचाने की बजाय खाद की तरह उपजाऊ बना सकती है।
उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए हमें जागरूक होने की जरूरत है। इस अवसर पर कृषि अधिकारी डॉ. कुलवीर सिंह ने किसानों को घास प्रबंधन की नवीनतम तकनीक से अवगत करवाया तथा जिले में उपलब्ध मशीनरी के बारे में जानकारी साझा की। साथ ही उन किसानों को कृषि विभाग द्वारा तैयार किए गए ऐप तथा विभिन्न किसान कल्याण योजनाओं के बारे में भी बताया गया।
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