कुरूक्षेत्र में यमराज बनकर आई गाय, वृद्धा को पटक-पटककर मौत के घाट उतारा

कैटल फ्री हरियाणा के कुरूक्षेत्र में शनिवार को बेहसहारा पशुओं के झुंड में से एक गाय ने वृद्ध महिला को पटक पटकर मौत के घाट उतर दिया।

Jul 27, 2024 - 15:08
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कुरूक्षेत्र में यमराज बनकर आई गाय, वृद्धा को पटक-पटककर मौत के घाट उतारा
कुरूक्षेत्र में यमराज बनकर आई गाय, वृद्धा को पटक-पटककर मौत के घाट उतारा

विनोद खूंगर, कुरुक्षेत्र : कैटल फ्री हरियाणा के कुरूक्षेत्र में शनिवार को बेहसहारा पशुओं के झुंड में से एक गाय ने वृद्ध महिला को पटक पटकर मौत के घाट उतर दिया। गाय महिला को तब तक पटकती रही, जब तक उसकी जान नहीं चली गई। कुछ लोगों ने महिला को गाय से बचाने का प्रयास किया, परंतु सफल नहीं हो पाए। गाय महिला को तब तक मारती रही, जब तक महिला की जान नहीं चली गई। घटना का पता चलने के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तथा पशुओं को झुंड को वहां से भगाया, परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी। सूचना मिलने के बाद परिजन भी मौके पर पहुंचे तथा घटना की सूचना पुलिस केा दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि तीन चार बेहसहारा पशुओं का एक झुंड कॉलोनी के एक घर के बाहर खड़ा है, जिसमें एक गाय महिला को मार रही है। महिला जमीन पर पड़ी है और गाय बार बार उस पर हमला कर रही है। गाय के हमले को देखकर अचानक एक युवक घर में घुसता है तथा डंडे लेकर बार-बार घर से निकलकर गाय पर हमला कर उसे भगाने का प्रयास करता है, परंतु गाय महिला पर हमला जारी रखती है। हमला कर गाय गली में पड़ी वृद्धा को कभी इधर फेंकती है तो कभी उधर।

सुबह घर से निकली थी गुरदीप कौर

बताया जाता है कि बीरेंद्र सिंह की पत्नी 62 वर्षीय गुरदीप कौर सुबह करीब नौ बजे किसी काम के लिए अपने घर से बाहर निकली थी। इसी दौरान घर के बाहर तीन पशुओं के झुंड मे से अचानक एक गाय उस पर हमला कर दिया।

कैटल फ्री हरियाणा में पहली घटना नहीं

बेहसहारा पशुओं के हमले की घटना अक्सर सामने आती रहती है। रेवाड़ी में एक सांड न केवल एक फोटो ग्राफर की जान ले चुका है तथा एक महिला व बच्ची पर भी हमला हो चुका है। हिसार, जींद, नारनौल इत्यादि सहित प्रदेश में अधिकतर जगह ऐसे हमले होते रहे हैं। 

यह स्थिति तब है, जब हरियाणा सरकार 2019 में प्रदेश को कैटल फ्री घोषित कर चुकी है। लाखों करोड़ खर्च कर कागजों में कैटल फ्री घोषित हो चुके शहर की सड़कों, गलियों व बाजरों में आज भी बेहसहारा पशुओं के झुंडों को देखा जा सकता है, जिससे न केवल हादसे होते हैं, बल्कि हमला कर लोगों की जान भी जोखिम में डालते हैं। कईं शहरों में इस प्रकार के हादसे होने के बाद भी इसे लेकर किसी की जवाबदेही आज तक तय नहीं की गई है। यहीं कारण है कि इस प्रकार के हादसे होने के बाद जहां किसी प्रकार का सदस्य दुनिया से चला जाता है। वहीं, जवाबदेही तय नहीं होने के कारण अधिकारी हो या फिर कर्मचारी हर कोई आसानी से पाक-साफ बच जाते हैं।

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