राज्यसभा में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में बीजेपी, गैर जाट राजनीति को मजबूत करने पर रहेगा जोर

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले बीजेपी अपने गैर जाट वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है। राज्य में जल्द ही राज्यसभा की खाली हुई एक सीट पर चुनाव होना है।

Jul 29, 2024 - 14:50
Jul 29, 2024 - 14:50
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राज्यसभा में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में बीजेपी, गैर जाट राजनीति को मजबूत करने पर रहेगा जोर

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा के विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले बीजेपी अपने गैर जाट वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है। राज्य में जल्द ही राज्यसभा की खाली हुई एक सीट पर चुनाव होना है। बताया जा रहा है कि इस एक सीट के जरिए बीजेपी हरियाणा में अपनी गैर जाट की राजनीति को मजबूत करने पर जोर देगी। इसलिए चर्चा है कि बीजेपी पंजाब के सिख नेता रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा में सिख चेहरे के रूप में स्थापित करने की तैयारी में है। ऐसे में चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब से आने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को उम्मीदवार बना सकती है। रवनीत बिट्टू लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रवनीत बिट्टू कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

लुधियाना से लोकसभा चुनाव हार गए थे बिट्टू

बता दें कि आनंदपुर साहिब और लुधियाना से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार सांसद रह चुके बिट्टू इस बार भाजपा के टिकट पर लुधियाना से लोकसभा चुनाव हार गए थे। कांग्रेस के राजा अमरिंदर सिंह वडिंग ने बिट्टू को करीब 20 हजार मतों के अंतर से चुनाव हराया था। लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद भाजपा ने मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय रेल राज्य मंत्री और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री के रूप में महत्व दिया।

दीपेंद्र के इस्तीफे से खाली हुई एक सीट

बता दें कि हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट हाल ही में खाली हुई है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा की सीट से इस्तीफा दिया था। 90 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों के संख्या बल के आधार पर राज्यसभा सीट पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है।

विपक्ष का बिखराव बनेगा बीजेपी की जीत

विपक्षी दल कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी और इनेलो के पास हालांकि एक साझा उम्मीदवार उतारने का विकल्प है, लेकिन किसी सर्वमान्य नाम पर तीनों राजनीतिक दल सहमत नहीं हो रहे हैं। जयहिंद सेना के संयोजक नवीन जयहिंद ने सभी विपक्षी दलों से अनुरोध किया है कि वे उन्हें साझा उम्मीदवार बनाएं, लेकिन किसी ने स्पष्ट रूप से हामी नहीं भरी है। विपक्षी दलों में बिखराव के चलते इस सीट पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। देश भर में चूंकि राज्यसभा की ज्यादा सीटें खाली नहीं हैं और हरियाणा चूंकि पंजाब से सटा राज्य है, इसलिए रवनीत बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजकर भाजपा न केवल उनका केंद्रीय मंत्री पद बरकरार रखना चाहेगी, बल्कि हरियाणा में सिखों का भरोसा जीतने की भी कोशिश करेगी।

सिख और पंजाबी समुदाय ने मांगी थी हिस्सेदारी

हरियाणा में बीते दिनों सिख और पंजाबी समुदाय ने राज्य की राजनीति में अपनी हक और हिस्सेदारी की आवाज को जोर-शोर से उठाया है। पंजाब से लगने वाले हरियाणा के जिलों में सिख और पंजाबी समुदाय की अच्छी आबादी है। इस लिहाज से भी बिट्टू को राज्‍यसभा भेजना विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है। सिरसा में बीते दिनों सिख संगठनों की एक बैठक में यह मांग की गई थी कि उनके समुदाय के लोगों को राज्य में 15 से 20 विधानसभा सीटों पर टिकट दिया जाना चाहिए। बिट्टू को राज्‍यसभा भेज कर इन संगठनों की कुछ हद तक हमदर्दी हासिल की जा सकती है। हरियाणा में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ा था। इस लि‍हाज से विधानसभा चुनाव में वह फूंक-फूंक कर कदम उठाएगी।

सरदार बेअंत सिंह के पोते हैं बिट्टू

रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के पोते हैं। रवनीत सिंह बिट्टू कांग्रेस के टिकट पर पंजाब में कई बार लोकसभा का चुनाव जीते, लेकिन इस बार चुनाव से ठीक पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी ने उन्हें लुधियाना सीट से टिकट दिया था। कांग्रेस ने उनके खिलाफ पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को उतार दिया था और बेहद कड़े मुकाबले में रवनीत सिंह बिट्टू को 20 हजार वोटों से हार मिली थी। हार के बाद भी बीजेपी ने बिट्टू को मोदी सरकार में राज्य मंत्री बनाया है। यह जरूरी है कि बिट्टू 6 महीने के भीतर लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक सदन के सदस्य बनें। इसलिए ऐसी चर्चा है कि हरियाणा की पंजाबी और सिख बिरादरी के वोटों को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी बिट्टू को राज्यसभा भेज सकती है।

इन नामों की भी चर्चा

भारतीय जनता पार्टी में हरियाणा की खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए रवनीत बिट्टू के अलावा जिन नेताओं के नामों की चर्चा हो रही है, उनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामबिलास शर्मा, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़, पूर्व मंत्री विपुल गोयल, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर, पूर्व मंत्री कविता जैन और पूर्व सांसद संजय भाटिया के नाम शामिल हैं।

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